आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के इन दस महाविद्याओं की होती है पूजा, जानें

Muskan Chaurasia
Jul 01, 2024

Gupt Navratri 2024:

तंत्र मंत्र की साधना में लीन रहने वाले लोगों के लिए गुप्त नवरात्रि का काफी महत्व होता है.

वहीं, इन नौ दिनों में मां की महाविद्याओं की उपासना की जाती है. इस खबर में जानिए दस महाविद्याओं के नाम.

बता दें, गुप्त नवरात्रि शनिवार 6 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसका समापन सोमवार 15 जुलाई को होगा.

पहली महाविद्या- पहले दिन मां काली की साधना होती है. मां काली की साधना से शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होती है.

दूसरी महाविद्या- नवरात्रि के दूसरे दिन माता तारा की साधना की जाती है. इन्हें तांत्रिकों की देवी माना गया है.

तीसरी महाविद्या- गुप्त नवरात्रि के तीसरे दिन माता त्रिपुरा सुंदरी की आराधना होती है.

चौथी महाविद्या- गुप्त नवरात्रि के चौथे दिन माता भुवनेश्वरी की उपासना की जाती है. संतान सुख की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की जाती है.

पांचवी महाविद्या- गुप्त नवरात्रि के पांचवे दिन माता छिन्नमस्ता की पूजा की जाती है. मां के इस रूप की आराधना और मंत्र उच्चारण करना विशेष फलदायी है.

छठी महाविद्या- छठे दिन माता त्रिपुरा भैरवी की पूजा होती है. इनकी साधना से जीवन के सभी बंधनों से मुक्ति मिलती है.

सातवीं महाविद्या- सातवीं महाविद्या के रूप में मां धूमावती की साधना होती है.इनकी साधना करने से भक्त महाप्रतापी होते हैं.

आठवीं महाविद्या- मां की आठवीं महाविद्या को बगलामुखी कहा गया है.

नौवीं महाविद्या- नौवें दिन मां मातंगी देवी की पूजा का विधान है. इनकी साधना से गृहस्थ जीवन में खुशहाली आती है.

दसवीं महाविद्या- दस महाविद्याओं की अंतिम देवी माता कमला को माना जाता है. इनकी साधना से व्यक्ति को धन की प्राप्ति होती है.

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