Navratri 2024 के बाद चढ़ाए गए नारियल-कलश और श्रृंगार का क्या करें ? जानें कैसे करें खेत्री विसर्जन
Raj Rani
Oct 10, 2024
शारदिया नवरात्रि में पूरे नौ दिन देवी मां के अलग- अलग रूपों की पूजा की जाती है और पहले दिन खैत्री में ज्वार (जौ) के बीजों को पूरी श्रद्धा से उगाया जाता है.
ऐसा माना जाता है कि खेत्री देवी की पूजा करने से घर का वातावरण पवित्र होता है और खुशहाली आती है.
बहुत से लोग अष्टमी और नवमी पर खेत्री माता का विसर्जन कर देते है.
आइए जानते हैं खैत्री विसर्जन कैसे-कब करना चाहिए और पूजा में चढ़ाई गई सामग्री का क्या करें.
नवरात्रि का यह त्योहार 9 दिनों का होता है इसलिए नौ दिन पूजा करने के बाद ही 10वें दिन खैत्री का विसर्जन करना चाहिए.
खैत्री विसर्जन से पहले ज्वार की कुछ शाखाओं(पंखुड़ियों) को मां दुर्गा को अर्पित करें, फिर अर्पित की शाखाओं को लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रख लें.
पूजा के दौरान इस्तेमाल की गई धूप-अगरबत्ती, रूई और जोत की राख को किसी गमले में डाल दें या पानी में विसर्जित कर सकते हैं.
नौ दिन मां को अर्पित किए गए लोंग-इलायची, पान, सुपारी, मेवा, फल को सभी में प्रसाद के रूप में बांट दें या इनका किचन में इस्तेमाल कर लें.
नवरात्रि के आखिरी दिन, जौ या खेत्री माता को प्रणाम करें और पूजा में हुई गलतियों के लिए माफ़ी मांगें.
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