भारत में हर साल बर्बाद होता है 8 करोड़ टन खाना; वहीं, रोज़ भूखे सोते हैं इतने करोड़ लोग

एक इंसान को सेहत मंद रहने के लिए रोज़ाना 1500 से 2500 कैलोरी खाना खाने की ज़रूरत होती है.

महिलाओं को थोड़ा कम, पुरुषों को थोड़ा ज्यादा और बाकी हिसाब किताब इस बात से तय होता है कि आप कितनी शारीरिक मेहनत करते है.

लेकिन अगर किसी को कम से कम 500 कैलोरी भी मिल जाए यानी एक वक्त का खाना भी ठीक से मिले तो वो जीने के लिए न्यूनतम जरूरत जितना हो जाएगा.

एक तरफ लोग जहाँ बिना भोजन के मर जाते हैं वहीँ, भारत सहित दुनिया में सालाना करोड़ों टन खाना बर्बाद हो जाता है.

यूएनईपी की नई रिपोर्ट ‘फूड वेस्ट इंडेक्स रिपोर्ट 2024’ के मुताबिक साल 2022 में 73 करोड़ लोग बिना खाए सो रहे थे. 2023 में ये आंकड़ा बढ़कर 78 करोड़ हो गया है.

वहीँ दुनिया का हर इंसान औसतन 79 किलो खाना एक साल में बर्बाद कर देता है. दुनिया में जितना खाना बर्बाद हो रहा है उससे एक भूखे इंसान को लगभग डेढ वक्त का खाना मिल सकता है.

भारत की बात करें तो यहाँ 24 करोड़ लोगों को भर पेट खाना नहीं मिलता है, उनमें भी करोड़ों लोग रात में बिना खाए सोते हैं.

यूएन की नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल हर व्यक्ति 55 किलो यानी कुल 8 करोड़ टन खाना बर्बाद हो रहा है.

इसी मुल्क में जहां कई लोग रोज भूखे सो रहे हों, ऐसे में खाने की बर्बादी के ये आंकड़े शर्मनाक हैं.

यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत जैसे देश हों या अमीर देश हो गरीब, सब देशों का एक ही हाल है.

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