अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को मिली पहली महिला मुस्लिम वायस चांस्लर

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पहली बार किसी मुस्लिम महिला को वाइस चांसलर बनाया गया है.

प्रोफेसर नईमा खातून को AMU की वाइस चांसलर बनाया गया है. AMU के 103 सालों की इतिहास में पहली बार किसी मुस्लिम महिला को इतने बड़े पद पर नियुक्त किया गया है.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की नए वाइस चांसलर चुने जाने के लिए एक पैनल बनाया गया था. इस पैनल में प्रो. नईमा खातून भी शामिल थीं. पैनल ने उनके नाम पर ही मुहर लगा दी.

प्रोफेसर नईमा खातून का ताल्लुक ओडिशा से है. वह महिला कॉलेज की प्राचार्या हैं. कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने वोट देकर नईमा खातून को वाइस चांसलर बनाया.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स और दूसरे लोगों का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पहली बार किसी महिला का वाइस चांसलर बनाना यह महिला सशक्तीकरण की मिसाल है.

AMU की स्थापना साल 1920 के दिसबंर महीने में हुई थी. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की पहली चांसलर बेगम सुल्तान जहां बनीं थीं. जबकि पहले वाइस चांसलर महमूदाबाद के राजा मोहम्मद अली मोहम्मद खान बने थे.

इससे पहले मोहम्मद अली मोहम्मद खान, साहिबजादा आफताब अहमद खान, नवाब मोहम्मद मुजम्मिलउल्लाह खान शेरवानी, रॉस मसूद और जिया उद्दीन अहमद एएमयू के वाइस चांसलर रहे.

इसके अलावा सर शाह मोहम्मद सुलेमान, सैयद हासिम अली, एमएन फारूकी, महमूदुर्रहमान, जिया उद्दीन अहमद, जाहिद हुसैन, नवाब मोहम्मद इस्माइल खान, जाकिर हुसैन, बशीर हुसैन जैदी और बदरुद्दीन तैयबजी भी वाइस चांसलर रहे.

अली यावर जंग, अब्दुल अलीम, एएम खुसरो, सैयद हामिद, मोहम्मद हामिद अंसारी, नसीम अहमद, पीके अब्दुल अजीज, लेफ्टिनेंट जमीर उद्दीन शाह और प्रो. तारिक मंसूर भी एएमयू के वाइस चांसलर रहे.

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