नेक लोग अपने अंजाम से नहीं डरते.

जालिमों के साथ जिंदा रहना खुद एक जुल्म है.

जिल्लत की जिंदगी से इज्जत की मौत कहीं बेहतर है.

जिंदगी का कोई ऐतबार नहीं, जिस कदर मुम्किन हो दूसरों के काम आओ.

जुल्म के खिलाफ जितनी देर से उठोगे, उसनी ज्यादा कुर्बानियां देनी पड़ेंगी.

जो किसी मोमिन के गम को दूर करे, खुदा उसके दुनिया व आखिरत के गम दूर करेगा.

दोस्त वह है, जो तुम्हें अच्छाई की तरफ ले जाए, दुश्मन वो है जो तुन्हें बुराई की तरफ ले जाए.

सबसे बड़ा सखी इंसान वह है, जो किसी ऐसे को दे जिससे किसी किस्म की तवक्को (उम्मीद) न हो.

अगर दुनिया में इंकलाब लाना चाहते हो, तो आत्मत्याग की शुरूआत खुद करो, दुनिया खुद बदल जाएगी.

जो शख्स अपनी मौत में ताखीर चाहता हो, और चाहता हो कि उसके रिज्क में इजाफा हो, तो उसे चाहिए कि सिला रहमी (माफ) करे.

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