प्रोटीन सप्लमेंट पर इंडियन मेडिकल रिसर्च की एडवाइजरी के बाद काफी विवाद हो रहा है. ऐसे में हम आपको 10 ऐसी चीजें बताएंगे जिससे आप बेस्ट सप्लीमेंट ले सकेंगे. आइये जानते हैं.
प्रोटीन पाउडर में शुगर नहीं होनी चाहिए. अगर इसके साथ ही देखें कि इसमें WHO के जरिए बैन किए गए एस्पारटेम और स्टीविया स्वीटनर न मिले हों.
हमेशा देखें की आपके एक स्कूप में कितना प्रोटीन मिल रहा है. 35 ग्राम के स्कूप में 24-25 ग्राम प्रोटीन होना चाहिए.
आपके प्रोटीन सप्लीमेंट को FSSAI के जरिए सर्टिफिकेशन मिला हो. इसके साथ ही यह लैबडोर जैसे संस्था से सर्टिफाइड हो.
आपके प्रोटीन में बैन्ड आइटम्स ने मिले हों. जैसे डेक्स्ट्रिन और माल्टो डेक्सट्रिन आदि.
अगर आप व्हे प्रोटीन ले रहे हैं तो ध्यान रहे, इसमें मिल्क पाउडर, सोया पाउडर या फिर वेजिटेबल ऑयल ने मिला हो.
घ्यान रहे आपके प्रोटीन में फिलर्स न मिले हों. जैसे फायबर, नारियल का बुरादा और इसबगोल आदि. ये आपके डाइजेशन को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
प्रोटीन लेते वक्त सही ब्रांड को चुनें. मार्किट में फेक और सस्ते सप्लीमेंट आते हैं. ये आपको भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.
हमेशा प्रोटीन सप्लीमेंट लेते वक्त उसकी एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें. अकसर दुकानदार प्रोफिट के लिए ऐसे सप्लीमेंट बेचते हैं जिनकी एक्सपायरी 1 या 2 महीन में होने वाली होती है.
हमेशा पैकिंग पर ध्यान दें. एक ब्रांड अपनी पैकिंग को बेस्ट बनाती है. जिससे आपको ऑथेंटिक सप्लीमेंट मिल सकेगा.
धांधली से बचने के लिए आप डारेक्ट सप्लीमेंट की वेबसाइट से ऑर्डर कर सकते हैं
ये जानकारी न्यूट्रीशियनिस्ट शिखा वर्मा से ली गई है. हमेशा एक्सपर्ट की राय के बाद ही प्रोटीन सप्लीमेंट डाइट में शामिल करें.