पीड़ित पक्ष का कहना है कि आग लगाए जाने के बाद वो खुले आसमान के नीचे आ गए हैं. उनकी ना तो प्रशासनिक स्तर पर कोई सुनवाई हो रही है और ना सुरक्षा देने की बात हो रही है.
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राघोपुर: बिहार के वैशाली जिले के राघोपुर थाने के मलिकपुर गांव में दबंगों ने दलितों के 15 घरों को आग के हवाले कर दिया. सभी घर जलकर राख हो चुके हैं. इतना ही नहीं घरों के अलावा गांव में स्थित तीन किराना दुकान, 1 टायर की दुकान में भी आग लगाई है. इस घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है और राघोपुर पुलिस भी घटनास्थल पर कैंप कर रही है.
यह मामला असल में भूमि विवाद का है, जिसमें एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के एक घर में आग लगाई, लेकिन आग की लपटों ने धीरे-धीरे कई घरों को अपनी आगोश में ले लिया. यह घटना 28 मई की घटना बताई जा रही है. आपको बता दें कि राघोपुर तेजस्वी यादव का विधानसभा क्षेत्र भी है और इस घटना पर सूबे में सियासत भी शुरु हो गई है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर जेडीयू नेता अशोक चौधरी घटनास्थल पर पहुंचे. वहीं पीड़ित पक्ष का कहना है कि आग लगाए जाने के बाद वो खुले आसमान के नीचे आ गए हैं. उनकी ना तो प्रशासनिक स्तर पर कोई सुनवाई हो रही है और ना सुरक्षा देने की बात हो रही है. उनका कहना है कि वो चारों ओर से दूसरे समुदाय से घिरे हुए हैं और जगह-जगह मदद की गुहार लगा रहे हैं.
इस मामले पर आरजेडी नेता भाई बीरेंद्र ने कहा है कि 'नीतीश सरकार में कानून का डर खत्म हो गया है. दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं और नीतीश कुमार दलितों की बात करते हैं. सत्ताधारी दल लालू फोबिया से ग्रसित है. कोई समुदाय बदमाश नहीं होता है बल्कि व्यक्ति गलत होता है.'
घटनास्थल पर जायजा लेने पहुंचे पूर्व मंत्री और एमएलसी अशोक चौधरी ने घटनास्थल पर पहुंचकर सभी पीड़ित दलित परिवार के सदस्यों से मिलकर उनका पक्ष जाना और उनको भरोसा दिलाया कि न्याय के साथ विकास की सरकार में किसी से कोई ज्यादती नही होने वाली है. उन्होंने तत्काल ही वैशाली के जिलाधिकारी से फोन पर बात कर पीड़ित परिवारों के लिए समुचित मुआवज़ा एवं प्रशासनिक मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया.अशोक चौधरी ने वहां उपस्थित संबंधित थाना प्रभारी को यह निर्देश दिया कि पीड़ित परिवार को समुचित सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाए ताकि इनके अंदर व्याप्त भय का माहौल खत्म हो.
वहीं इस मामले पर बीजेपी नेता नीतीश मिश्रा ने भी बयान दिया है और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि 'पहले अपने घर को संभाले तेजस्वी. सिर्फ दलितों की बात करने से कुछ नहीं होता है.' इस पूरे घटनाक्रम पर फिलहाल तेजस्वी यादव की ओर से कोई बयान नहीं आया है.