झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए का गठबन्धन कायम रहेगा या बिखर जाएगा ये बड़ा सवाल बन गया है क्योंकि आजसू ने आगामी विधानसभा चुनाव में सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.
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रांची, कुमार चंदन: झारखंड में आने वाले चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष के गठबंधनका स्वरूप क्या होगा इस पर सब की निगाहें है. झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए का गठबंधन कायम रहेगा या बिखड़ जाएगा ये बड़ा सवाल बन गया है क्योंकि आजसू ने आगामी विधानसभा चुनाव में सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.
हालांकि एनडीए के बिखराव के संकेत ने विरोधियों को आजसू पर वार का मौका दे दिया है तो वहीं, कांग्रेस महागठबंधन में शामिल होने का ऑफर दे रहा है. क्या झारखंड में एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं है ? क्या आजसू दबाव की राजनीति कर रहा ? ये सवाल इस लिए की आजसू रघुवर सरकार में अब भी शामिल है लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर चुका है.
इस ऐलान के बाद ये सवाल उठने लगा है कि क्या एनडीए गठबंधन कमजोर होता जा रहा है. एजेएसयू लोकसभा चुनाव में कितने सीट पर चुनाव लड़ेगा ये फिलहाल तय नहीं है पर विधानसभा चुनाव सभी 81 सीट पर लड़ने का ऐलान जरूर कर दिया है.
झारखंड में बीजेपी को अब भी भरोसा है कि आजसू कोटे के मंत्री अब भी सरकार में हैं. आजसू , बीजेपी की पुरानी सहयोगी है और आगे भी दोनों दल मिल कर साथ चुनाव लड़ेगें. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा आजसू ने अपने कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने के लिए इस तरह का बयान दिया होगा.
अब मिशन 2019 से पहले झारखंड में एनडीए में पड़ते दरार से विरोधियो को भी निशाना साधने का मौका मिल रहा है. आजसू पर निशाना साधते हुए जेएमएम ने कहा है कि पॉलटिकल बाजार सज रहा है, साथ ही जेएमएम ने आजसू को पार्टी नहीं बल्कि पॉलिटिकल गैंग बोला और साथ ही कहा इससे पहले भी आजसू का अलग अलग रूप दिखा है, ये आजसू का नया पैंतरा है. पिछली बार काफी मांगने के बाद कुछ सीट मिला था.
वहीं, झारखंड मेंआजसू- बीजेपी के बीच चल रहे खींचतान पर कोंग्रेस ने बड़ा दांव चला है, आजसू को बीजेपी का दामन छोड़ महागठबंधन में शामिल होने का ऑफर कांग्रेस ने दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा, सूबे को बचाना है तो आजसू, महागठबंधन में शामिल हो जाए. आजसू कोई अछूता नहीं है. अभी देश में महागठबंधन का माहौल है.
चुनाव से पहले बीजेपी महागठबंधन के स्वरूप और आकार पर लगातार सवाल उठाती रही है, लेकिन आजसू के अकेले सभी 81 सीट पर चुनाव लड़ने के ऐलान ने बीजेपी को थोड़ा असहज जरूर कर दिया है. हालांकि, अभी भी बीजेपी को भरोसा है कि आजसू सरकार में शामिल है और आगे भी आजसू का साथ बीजेपी को मिलेगा. अब आजसू का ऐलान महज प्रेशर पॉलिटिक्स है या कुछ और इसे समझने के लिए थोड़ा इंतजार भी करना होगा.