छठ में बिहार जाने की टेंशन, 120 दिन पहले ही फुल हो गई सारी ट्रेनें
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छठ में बिहार जाने की टेंशन, 120 दिन पहले ही फुल हो गई सारी ट्रेनें

बुधवार (11 जुलाई) को टिकट काउंटर खुलते ही बिहार जाने वाली सभी ट्रेनों में वेटिंग या वेटिंग की सीमा तक सीटें फुल हो गई हैं. 7 नवंबर को दिवाली है और इसके 6 दिन बाद छठ है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली : हर साल की तरह इस साल भी सैकड़ों की संख्या में दिल्ली के लोग छठ पूजा में अपने घर बिहार जाने के लिए बेताब होंगे. अगर आप भी छठ पर घर जाने के लिए बेचैन हैं तो ये खबर आपके लिए जानना बेहद जरूरी है. छठ के लिए घर जाने वाले लोगों के लिए बुधवार यानि की छठ से ठीक चार महीने पहले भारतीय रेलवे के नियमानुसार टिकट रिजर्वेशन की खिड़की खुल गई है, लेकिन फिर भी आपको घर जाने के लिए टिकट नहीं मिलेगी. दरअसल, बुधवार (11 जुलाई) को टिकट काउंटर खुलते ही बिहार जाने वाली सभी ट्रेनों में वेटिंग या वेटिंग की सीमा तक सीटें फुल हो गई हैं. 7 नवंबर को दिवाली है और इसके 6 दिन बाद छठ है.

कई ट्रेनों में 100 से ज्यादा वेटिंग
अगर आप अभी बिहार जाने वाली वैशाली एक्सप्रेस में 8 नवंबर के लिए टिकट ढूढने जाएंगे तो आपको लगभग 200 से ऊपर वेटिंग मिलेगा. वहीं, सप्त क्रांति में 120, शहीद एक्सप्रेस में 20 और बिहार संपर्क क्रांति में अभी से ही 400 से ज्यादा वेटिंग चल रहा है. दिल्ली से पटना जाने वाली राजधानी में 5, नॉर्थ ईस्ट 80 सीटें वेटिंग चल रहीं हैं.

छठ के दौरान बिहार जाने के लिए भीड़ का रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा होना, कोई नई बात नहीं है. बिहार के इस त्योहार पर टिकट का फुल होना एक आम सी बात हो गई है. इन ट्रेनों के अलावा बाद अगर राजधानी, शताब्दी, एक्सप्रेस-मेल की बात करें तो इन ट्रेनों में भी सीटें फुल हो गई हैं. 

स्पेशल ट्रेन का भी है ऑप्शन
जिन लोगों को इन आम ट्रेनों में टिकट नहीं मिली है, उन्हें परेशान होने की आवश्यकता नहीं है अभी उनके पास स्पेशल ट्रेन का भी ऑप्शन बाकि है. इसके अलावा छठ पूजा के दौरान दिल्ली से बिहार के लिए जाने वाले बस और स्पेशल जीप सर्विस के भी ऑप्शन मौजूद हैं. 

पिछले साल चलाई गई थीं 900 से ज्यादा ट्रेन
2017 में छठ पूजा पर भीड़ को देखते हुए भारतीय रेलवे ने बिहार के लिए कुल 996 ट्रेनें चलाई गई थी. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, इन ट्रेनों में कुल 40 लाख मुसाफिरों ने सफर किया था. पिछले साल रेलवे ने कुल 500 ट्रेनें चलाई थी. इस बार महज एक दिन में सारी सीटें फुल होने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार भी भारतीय रेलवे प्रशासन 500 से ज्यादा ट्रेनें चला सकता है, ताकि त्योहार पर आसानी से लोग घर पहुंच सकें.