लागत भी नहीं मिलने से परेशान किसान सड़कों पर फेंके रहे हैं टमाटर
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लागत भी नहीं मिलने से परेशान किसान सड़कों पर फेंके रहे हैं टमाटर

किसानों ने बताया कि हर साल यहां दिल्ली, झारखंड और अन्य जगहों से व्यापारी आते थे और टमाटर के अच्छे दाम देकर जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.

लागत नहीं मिलने से गुस्साए किसानों के अपना टमाटर सड़कों पर ही फेंक दिया (फोटो-ANI)

नई दिल्ली : टमाटर के बिना सब्जी का स्वाद अधूरा है. लाल-लाल टमाटर खाने की थाली का जायका बढ़ा देता है, लेकिन इन दिनों इस टमाटर ने किसानों का जायका बिगाड़ कर रख दिया है. सही दाम नहीं मिलने से परेशान किसान टमाटरों को सड़कों पर फेंक रहे हैं. किसानों का कहना है कि खेत से तोड़कर मंडी लाने पर किसानों को लागत भी नहीं मिल पा रही है. बिहार और मध्य प्रदेश के किसान अपना टमाटर सड़कों पर फेंक रहे हैं.

  1. 50 पैसे किलो बिक रहा है किसानों का टमाटर
  2. लागत नहीं मिलने से परेशान हैं टमाटर उत्पादक
  3. बिहार का रोहताश जिला टमाटर बेल्ट कहा जाता है

बिहार के रोहताश, सासाराम समेत कई जिलों में टमाटर का अच्छा उत्पादन होता है. रविवार को किसान जब अपना टमाटर मंडी लेकर आए तो उन्हें एक रुपये किलो के दाम देने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ. इस पर गुस्साए किसानों ने अपना टमाटर सड़कों पर फेंक दिया और उनपर गाड़ी चढ़ा दी. किसानों की इस हरकत से पूरे रास्ते में टमाटर ही टमाटर फैल गए. टमाटरों के रस से रास्ते में फिसलन हो गई. 

टमाटर के लिए मशहूर है रोहताश
रोहताश जिले के धावा, घोरडीही, भलुवाही, नावाडीह और बिशंभरपुर गांव टमाटर के लिए आसपास के इलाके में मशहूर हैं. यहां के किसानों ने बताया कि पिछले साल एक कैरेट टमाटर के दाम के आसानी के 200 रुपये तक मिल जाया करते थे. एक कैरेट में करीब 25 किलो टमाटर आता है. इस बार इसके कोई 50 रुपये देने को भी तैयार नहीं है, जबकि लागत ही एक कैरेट टमाटर में 100 रुपये के आसपास आती है.

नहीं मिल रहा है खरीददार
किसानों ने बताया कि हर साल यहां दिल्ली, झारखंड और अन्य जगहों से व्यापारी आते थे और टमाटर के अच्छे दाम देकर जाते थे, लेकिन इस बार व्यापारी तो आए, लेकिन एक हफ्ते भी यहां नहीं रुके. किसानों ने बताया कि व्यापारियों को उन्हीं के आसपास सस्ते में टमाटर मिल रहा है. 

fallback

रोहताश के पोस्ट ऑफिस मंडी में आए करीब एक दर्जन किसानों ने अपने टमाटर सड़कों पर फैला दिए और उनके ऊपर अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली चढ़ा दिए. किसानों ने बताया कि इस बार उनकी फसल का दाम नहीं मिलने से उनके सारे सपने धरे रह गए. अब किसानों के आगे परिवार चलाने में ही परेशानियां आ रही हैं. 

fallback

किसानों का यह हाल अकेले बिहार में ही नहीं है, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से भी किसानों द्वारा अपनी फसल सड़कों पर फेंकने के समाचार आए हैं. मध्य प्रदेश की सिहोर मंडी में भी किसानों ने अपना टमाटर सड़क पर फेंककर अपना गुस्सा जाहिर किया. नरसिंहपुर में किसानों ने बताया कि उनका टमाटर 50 पैसे किलो में बिक रहा है.