जदयू ने शरद यादव से सीमा न लांघने को कहा
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जदयू ने शरद यादव से सीमा न लांघने को कहा

यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी, जदयू प्रवक्ता त्यागी ने कहा कि अब तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है.

बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद से शरद यादव (बाएं) और नीतीश कुमार में मतभेद वाक् युद्ध चल रहा है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/पटना: जदयू ने गुरुवार (10 अगस्त) को अपने वरिष्ठ नेता शरद यादव को ‘सीमा लांघने वाली’ टिप्पणियां करने से बचने की नसीहत देते हुए कहा कि ऐसे शब्द आपत्तिजनक होते हैं और पार्टी के लिए असहज होते हैं. जदयू के प्रवक्ता के सी त्यागी की ओर से यह नसीहत आज ऐसे समय पर आई जब यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने के कदम की आलोचना करते हुए कहा कि वह उस महागठबंधन में बने रहेंगे जो राजद, जदयू और कांग्रेस के बीच बनाया गया है. ‘आम लोगों की प्रतिक्रिया’ जानने के लिए बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे यादव ने एक बयान में कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जब चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ लड़ने वाले, अलग अलग विचारधारा वाले दो दल केवल 20 माह बाद ही हाथ मिला लें.

उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया में त्यागी ने कहा ‘‘उनके द्वारा उपयोग की जा रही राजनीतिक भाषा पार्टी अध्यक्ष (नीतीश कुमार) और (बिहार की) सरकार के लिए बहुत ही आपत्तिजनक और असहज है. बेहतर होगा कि वह अपने विचारों को 19 अगस्त को होने जा रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में रखें. हम उनसे ऐसे बयान देने से बचने के लिए कहेंगे जो सीमा लांघते हों.’’ त्यागी ने कहा कि यादव अब अपना रास्ता चुनते प्रतीत होते हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके कार्यक्रमों की व्यवस्था जदयू के नेताओं ने नहीं बल्कि लालू प्रसाद की अगुवाई वाले राजद ने की है.

यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी, त्यागी ने कहा कि अब तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है. जदयू प्रवक्ता ने यादव के महागठबंधन में बने रहने संबंधी बयान पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि महागठबंधन से पार्टी के रिश्ते तोड़ कर राजग से हाथ मिला लेने के बाद उनके जैसे बड़े नेता का यह कहना आपत्तिजनक है. उन्होंने कहा कि बिहार में पार्टी के सभी विधायक, विधान पार्षद एवं जिला अध्यक्ष नीतीश कुमार के फैसले के साथ हैं और राज्य भर में यादव के दौरे की व्यवस्था राजद के नेताओं ने की है. यादव ने कहा था कि साल 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को दो तिहाई बहुमत मिला था और नीतीश कुमार के फैसले के बाद लोग खुद को ‘‘ठगा’’ हुआ महसूस कर रहे हैं.

उन्होंने कहा ‘चुनाव के दौरान हमने करीब डेढ़ माह तक अथक प्रचार किया और महागठबंधन के लिए वोट मांगे. हमारे गठबंधन के पास प्रचार के लिए केवल तीन हेलीकॉप्टर थे जबकि विपक्षी दल के पास 26 हेलीकॉप्टर थे.’ यादव ने कहा ‘मेरे पूरे राजनीतिक करियर में और आजादी के बाद मैंने ऐसा कोई उदाहरण नहीं देखा कि अलग अलग विचारधारा वाले और अलग अलग घोषणापत्रों वाले दो राजनीतिक दल चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ लड़े और फिर 20 माह बाद उन्होंने हाथ मिला लिए’ यादव राज्यसभा में जदयू के नेता हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या उनका दौरा पार्टीविरोधी गतिविधि नहीं है, यादव ने कहा ‘मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता.’