Bihar Lok Sabha Election 2024: बिहार में पहले चरण में गया, नवादा, जमुई और औरंगाबाद में वोटिंग हुई थी. वहीं दूसरे चरण में बांका, भागलपुर, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार सीट पर वोट डाले गए थे. पहले चरण में 49.26 फीसदी तो दूसरे चरण में 59.45 प्रतिशत मतदान हुआ है.
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Bihar Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता की बागडोर किसके हाथ में होगी, यह तो भविष्य ही बताएगा. लेकिन इसमें बिल्कुल भी संदेह नहीं कि इस चुनाव में महिलाएं बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. चुनाव आयोग की ओर से मंगलवार (30 अप्रैल) को जारी किए आंकड़ों के मुताबिक, इस चुनाव में महिला मतदाता बढ़-चढ़कर इस चुनाव में हिस्सा ले रही हैं. चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार में पहले चरण में 49.26 फीसदी तो दूसरे चरण में 59.45 प्रतिशत मतदान हुआ है. पहले चरण में जहां पुरुष मतदाताओं का पलड़ा भारी रहा वहीं दूसरे चरण में महिलाओं ने जमकर वोटिंग की. बता दें कि पहले चरण में बिहार की 4 सीटों (गया, नवादा, जमुई और औरंगाबाद) पर मतदान हुआ था. वहीं दूसरे चरण में 5 सीटों (बांका, भागलपुर, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार) में वोटिंग हुई थी.
चुनाव आयोग ने मंगलवार (30 अप्रैल) को जानकारी देते हुए बताया कि पूरे देश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 66.14 प्रतिशत और दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है. सिर्फ बिहार की बात करें तो यहां पहले चरण में 49.26 फीसदी तो दूसरे चरण में 59.45 प्रतिशत मतदान हुआ है. पहले चरण में पुरुष मतदाता 49.59% तो महिला वोटरों की संख्या 48.90 फीसदी रही है. जबकि 3.92% थर्ड जेंडर के वोटर ने अपना वोट डाला लिया. वहीं दूसरे चरण में पुरुष मतदाता 56.41% तो 62.73% महिला वोटरों ने अपना वोट डाला है. जबकि 1.96% थर्ड जेंडर के वोटर ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.
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किस सीट पर कैसी हुई वोटिंग?
किसको मिल सकता है फायदा?
चुनाव आयोग के डाटा के अनुसार, बिहार में कुल 3.6 करोड़ महिला मतदाता हैं. चुनावी विश्लेषकों के अनुसार, महिला वोटर को एनडीए का सीक्रेट वोटर माना जाता है. मोदी सरकार में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और सशक्त के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं. प्रधानमंत्री मोदी तो कई बार कह चुके हैं कि महिला वोटर बीजेपी का सीक्रेट वोटर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कामयाबी के पीछे भी महिलाओं का आशीर्वाद रहता है. 2005 से अब तक महिलाएं और महादलित नीतीश के साइलेट कोर सपोर्टर रहे हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में भी 59.7 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग करके नीतीश कुमार की कुर्सी बचा ली थी. हालांकि, यह ट्रेंड पश्चिम बंगाल, दिल्ली जैसे राज्यों में बीजेपी का सीक्रेट वोटर काम नहीं किया था.