लोकसभा में गूंजा मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड, पप्पू यादव ने की CBI जांच की मांग
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar421325

लोकसभा में गूंजा मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड, पप्पू यादव ने की CBI जांच की मांग

पप्पू यादव ने लोकसभा में कहा कि रिमांड होम, निजी और सरकारी जितने भी महिला और बाल गृह हैं वो यौन उत्पीड़न का अड्डा बन गया है.

पप्पू यादव ने लोकसभा में उठाया मुजफ्फरपुर कांड का मुद्दा. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/पटना : जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और मधेपुरा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह में यौन शोषम की शिकार लड़कियों का मामला लोकसभा में उठाया. सोमवार को लोकसभा में बोलते हुए उन्होंने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की. 

पप्पू यादव ने पीएमसीएच के रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस बात का खुलासा हो गया है कि बालिका गृह में लड़कियों का साथ योन शोषण हुआ है. ऐसे में राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि किन नेताओं और अधिकारियों ने लड़कियों के साथ इस घटना को अंजाम दिया. साथ ही उन्होंने पूछा कि बिहार सरकार बताए कि आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई.

पप्पू यादव ने लोकसभा में कहा कि रिमांड होम, निजी और सरकारी जितने भी महिला और बाल गृह हैं वो यौन उत्पीड़न का अड्डा बन गया है. साथ ही उन्होंने पूछा कि सरकार बताए किन-किन नेताओं को लड़कियां भेजी गईं. उन्होंने आरोप लगाया कि गवाह को मधुबनी भेजकर उसकी हत्या कर दी गई. सीतामढ़ी में भी कल्याण अधिकारी की हत्या कर दी गई. उन्होंने इस मामले में सीधे तौर से सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

ज्ञात हो कि इस मामले में पीएमसीएच ने 29 बच्चियों में से 21 बच्चियों के रिपोर्ट की पुष्टि हो चुकी है. वहीं, 8 बच्चियों की रोपोर्ट मंगलवार को आने वाली है. वहीं, इस बात का खुलासा भी हुआ है कि 2013 के बाद से छह बच्चियों का सुराग नहीं है.

आरजेडी ने की सीबीआई जांच की मांग
आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने मुजफ्फरपुर बालिका सुधार गृह मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस मामले को आरजेडी विधानसभा में उठाएगी. उन्होंने आशंका जतया कि गायब छह बच्चियों को भी हत्या कर छुपा दिया गया है. साथ ही उन्होंने गंभीर आरोप लगाया कि लड़कियों को सप्लाई किया जाता होगा, जिसका विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी जाती होगी.

टाटा इंस्टिट्यूट ने किया था खुलासा
ज्ञात हो कि टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस की टीम कोशिश ने बालिकाओं के साथ यौन शोषण और हिंसा का खुलासा किया था. इस मामले में पॉस्को कोर्ट ने मजिस्ट्रेट की नियुक्ति का आदेश दिया था. साथ ही यौन शोषण की शिकार मृत बच्ची का शव खोजने का भी आदेश दिया घया था.