मैथिली साहित्य के जाने-माने साहित्यकार और समालोचक मोहन भारद्वाज का मंगलवार को रांची में निधन हो गया.
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रांची: बिहार में मैथिली साहित्य के जाने-माने साहित्यकार और समालोचक मोहन भारद्वाज का मंगलवार को झारखंड की राजधानी रांची के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 75 वर्ष के थे. मोहन भारद्वाज के पारिवारिक मित्र और नाटककार डॉ़ अरविन्द कुमार अक्कु ने आईएएनएस से कहा कि मंगलवार सुबह पांच बजे रांची के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली.
उन्होंने बताया कि वे कई दिनों से बीमार थे और एक महीने पहले उन्हें रांची के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 10 दिनों से वे कोमा में थे. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि अंतिम समय में उनके पास उनका पूरा परिवार मौजूद था.
मोहन भारद्वाज के पुत्र मधुकर भारद्वाज ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार बुधवार को रांची में किया जाएगा. वे फिलहाल अपने पुत्र के साथ रांची में ही रह रहे थे. मोहन भारद्वाज का जन्म मधुबनी के नवानी गांव में नौ फरवरी, 1943 को हुआ था. वो भारत सरकार के एजी ऑफिस, पटना और रांची लेखा विभाग में कार्यरत थे. उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. (इनपुट: IANS)