प्रवासियों तक पहुंचने के लिए 'बिहार सम्मान सम्मेलन' करेंगे नीतीश कुमार
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प्रवासियों तक पहुंचने के लिए 'बिहार सम्मान सम्मेलन' करेंगे नीतीश कुमार

अपने राजनीतिक जीवन की सबसे मुश्किल चुनावी लड़ाई का सामना कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देशभर में प्रदेश के निवासियों तक पहुंचने के लिए 'बिहार सम्मान सम्मेलन' करेंगे।

नयी दिल्ली : अपने राजनीतिक जीवन की सबसे मुश्किल चुनावी लड़ाई का सामना कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देशभर में प्रदेश के निवासियों तक पहुंचने के लिए 'बिहार सम्मान सम्मेलन' करेंगे।

जदयू के महासचिव केसी त्यागी ने बताया, बिहार के मुख्यमंत्री देश के सभी हिस्सों में रह रहे प्रवासी बिहारियों से ‘बिहार सम्मान सम्मेलन’ के जरिए जुड़ेंगे, जिनका आयोजन देश भर में किया जाएगा। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और गुवाहाटी जैसे मुख्य शहरों में आयोजित होने वाले सम्मेलनों में नीतीश व्यक्तिगत रूप से भाग लेंगे। त्यागी ने दावा किया कि बिहार के बाहर रह रहे लोग नीतीश कुमार सरकार की उपलब्धियों से गौरवांन्वित हैं और मुख्यमंत्री के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं।

बिहार के लोग बड़ी संख्या में मेट्रोपॉलिटन शहरों में रहते हैं और छठ तथा दीवाली जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों पर घर जाते हैं। प्रदेश के ऐसे निवासियों की बहुत बड़ी संख्या है जो अभी भी बिहार में बतौर मतदाता पंजीकृत हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया, नीतीश की योजना एक अगस्त को प्रवासी बिहारी सम्मान पुरस्कार-2014 के जरिए दिल्ली-एनसीआर में बसे बिहारी मूल के लोगों से जुड़ने की थी। लेकिन उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के शोक में कार्यक्रम रद्द कर दिया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शोक समाप्त होने के बाद कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इस अवसर पर नीतीश बिहार फाउंडेशन की दिल्ली शाखा का भी उद्घाटन करेंगे।

प्रदेश से बाहर रह रहे प्रवासियों तक पहुंचने का यह विचार नीतीश कुमार के लिए नया नहीं है। लेकिन इसबार उनके इस विचार के पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चाय पे चर्चा का दिमाग रहे प्रशांत किशोर की रणनीति और योजना है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान चाय पे चर्चा ने जन-मानस को जोड़ने का काम बखूबी किया था। मूल रूप से बिहार के रहने वाले किशोर अब नीतीश के चुनाव अभियान की धार तेज करने का काम कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि किशोर ने देश के विभिन्न बड़े शहरों में रहने वाले प्रवासी बिहारियों से जुड़ने के लिए विस्तृत योजना तैयार की है। माना जा रहा है कि चुनाव के दौरान विचारधारा तय करने में प्रवासियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी।

2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले प्रवासियों तक पहुंच बनाने का प्रयास करते हुए, नीतीश ने कहा था कि दो दिल्ली हैं.. एक अमीरों की और दूसरी गरीबों की.. और इस शहर को बनाने में बिहार तथा पूर्वांचल के लोगों ने बहुत पसीना बहाया है। नीतीश ने कहा था, यदि बिहार और पूर्वांचल के लोगों ने काम करना बंद कर दिया तो दिल्ली बंद हो जाएगी। उस वक्त दिल्ली की दो दिवसीय यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने द्वारका, संगम विहार और ओखला में रैलियों को संबोधित किया था तथा किराड़ी बुराड़ी इलाकों में बैठकें की थीं। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के अनुरोध पर जदयू ने 2014 के दिल्ली विधान सभा चुनावों में प्रत्याशी नहीं उतारे थे। अब आशा की जा रही है कि आप बिहार में नीतीश का साथ देगी।