झारखंड पुलिस में 6000 से अधिक दरोगा एवं सहायक दरोगा होंगे भर्ती
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झारखंड पुलिस में 6000 से अधिक दरोगा एवं सहायक दरोगा होंगे भर्ती

झारखंड सरकार ने राज्य पुलिस की संरचना में बड़े बदलाव करते हुए सिपाहियों की संख्या के अनुपात में अधिकारियों की वर्तमान संख्या को दोगुना करने का फैसला किया है और इस फैसले के तहत राज्य में उपनिरीक्षकों, सहायक उपनिरीक्षकों एवं निरीक्षकों के कुल 6148 नए पद सृजित करने का बुधवार को निर्णय लिया गया।

झारखंड पुलिस में 6000 से अधिक दरोगा एवं सहायक दरोगा होंगे भर्ती

रांची : झारखंड सरकार ने राज्य पुलिस की संरचना में बड़े बदलाव करते हुए सिपाहियों की संख्या के अनुपात में अधिकारियों की वर्तमान संख्या को दोगुना करने का फैसला किया है और इस फैसले के तहत राज्य में उपनिरीक्षकों, सहायक उपनिरीक्षकों एवं निरीक्षकों के कुल 6148 नए पद सृजित करने का बुधवार को निर्णय लिया गया।

झारखंड के मंत्रिमंडल सचिव एनएन पांडेय ने यहां पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में यहां राज्य मंत्रिमंडल ने इस आशय का फैसला किया। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने राज्य पुलिस को अत्याधुनिक और मानवीयता परक बनाने के लिए अनेक कदम उठाने का निर्णय किया है जिसके तहत राज्य के पुलिस बल को अधिकारी ओरिएंटेड बनाने का फैसला किया गया है। पांडेय ने बताया कि राज्य पुलिस बल में वर्तमान समय में कुल लगभग 6300 निरीक्षक, उपनिरीक्षक एवं सहायक उपनिरीक्षक हैं लेकिन उनकी संख्या में आज 6148 पदों की वृद्धि करने का निर्णय किया गया जिससे अब राज्य पुलिस बल में अधिकारियों की संख्या वर्तमान समय से लगभग दोगुनी हो जायेगी। इतना ही नहीं पुलिस सिपाहियों के वर्तमान समय में रिक्त 6144 पद खत्म करने का भी फैसला सरकार ने लिया।

उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में राज्य में अधिकारियों और सिपाहियों के बीच का अनुपात 1:4.95 है जो अधिकारियों के नवसृजित पदों पर भर्ती के बाद बेहतर होकर 1:2.5 हो जाएगा। मंत्रिमंडल सचिव एनएन पांडेय ने बताया कि मंत्रिमंडल ने की बैठक में राज्य पुलिस में निरीक्षकों के 77, उपनिरीक्षकों के 3168 और सहायक उपनिरीक्षकों के 2903 नये पद सृजित करने का फैसला किया। इनमें से वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही कुल 1294 पदाधिकारियों के पद सृजित करने का फैसला किया गया है जिनमें 55 पुलिस निरीक्षक, 693 पुलिस उपनिरीक्षक एवं 546 सहायक पुलिस उपनिरीक्षक होंगे। पुलिस बल में गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से अब तक सिपाहियों से पदोन्नति के आधार पर भरे जाने वाले 50 प्रतिशत पदों में से 25 प्रतिशत को सीमित विभागीय परीक्षा के आधार पर भरे जाने का प्रावधान भी किया गया है।

उन्होंने बताया कि इस फैसले से तेज तर्रार और अधिक काबिल सिपाहियों के लिए शीघ्र अधिकारी बनने का रास्ता सुगम हो जाएगा। मंत्रिमंडल ने राज्य पुलिस की कार्यशैली में अपेक्षित सुधार के लिए राज्य पुलिस के सुदृढ़ीकरण का निर्णय किया है और इसके तहत सभी पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों को आधुनिक प्रशिक्षण एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके अलावा उन्हें समाज के प्रति बेहतर सहयोगात्मक व्यवहार विकसित करने के उद्देश्य से प्रशिक्षित किया जाएगा और इस प्रशिक्षण के बाद ही प्रोन्नति दी जाएगी। पुलिसकर्मियों को थानों में आम जनता से मित्रवत व्यवहार करने की पूरी व्यवस्था की जाएगी, जिससे थानों में पुलिस से संपर्क साधने में आम लोगों की हिचक दूर हो।