पप्‍पू यादव बोले- बिहार को भी मिले विशेष राज्‍य का दर्जा, लोकसभा में चाहते हैं जल्‍द चर्चा
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पप्‍पू यादव बोले- बिहार को भी मिले विशेष राज्‍य का दर्जा, लोकसभा में चाहते हैं जल्‍द चर्चा

सांसद पप्‍पू यादव ने मुद्दे पर सदन में चर्चा के लिए लोकसभा महासचिव को नोटिस भी दिया है.

पप्‍पू यादव ने बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा देने की मांग पर चर्चा के लिए लिखा पत्र. (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली : आंध प्रदेश को विशेष राज्‍य का दर्जा देने की मांग को लेकर देश में गर्म राजनीतिक महौल के बीच अब लोकसभा सांसद पप्‍पू यादव ने बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा दिए जाने की मांग उठा दी है. उन्‍होंने इस पर सदन में चर्चा के लिए लोकसभा महासचिव को नोटिस भी दिया है. उन्‍होंने इसमें लिखा है कि बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा देने से संबंधित विषय पर प्रश्‍नकाल को स्‍थगित किया जाए और जल्‍द से जल्‍द इस मुद्दे पर चर्चा कराई जाए.

  1. पप्‍पू बोले- प्रश्‍नकाल स्‍थगित कर हो चर्चा
  2. पत्र में गिनाई बिहार की कई समस्‍याएं
  3. बिहार से साथ भेदभाव का भी लगाया आरोप

बिहार ने भुगता खामियाजा- पप्‍पू यादव
पप्‍पू यादव ने पत्र में लिखा है कि देश की आजादी के बाद विकास के दृष्टिकोण से राज्‍यों के अनुभव में काफी भिन्‍नता है. कई राज्‍यों में तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन कई अन्‍य राज्‍य अभाव से ग्रसित हैं. योजना आयोग और वित्‍त आयोग के वित्‍तीय हस्‍तांतरण भी राज्‍यों के बीच के इस अंतर को पाटने में असफल रहे हैं. इसका खामियाजा बिहार जैसे राज्‍यों को भुगतना पड़ा है.

 

 

बिहार के साथ पक्षपात का आरोप
पप्‍पू यादव ने बिहार के साथ पक्षपात का भी आरोप लगाया है. उनके अनुसार केंद्र सरकार के प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष अनुदानों का सर्वाधिक लाभ विकसित राज्‍यों को ही मिला है. इस कारण क्षेत्रीय असंतुलन को बढ़ावा मिला. उनका कहना है कि बिहार जैसे राज्‍य के लिए यह चिंता का विषय है कि राज्‍यों के बीच निधि के बंटवारे के लिए 14वें वित्‍त आयोग ने जो फॉर्मूला दिया है उसके आधार पर कुल राशि में बिहार का हिस्‍सा 10.9 फीसदी से घटकर 9.7 फीसदी हो गया है. उन्‍होंने वित्‍त आयोग पर बिहार की समस्‍याओं की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया.

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सांसद ने गिनाई समस्‍याएं
पप्‍पू यादव के अनुसार हर साल नेपाल से आने वाली नदियों में आने वाली बाढ़ से जान और  माल की बड़े स्‍तर पर क्षति होती है. इससे राज्‍य पर बड़ा वित्‍तीय बोझ पड़ता है. उन्‍होंने लिखा है कि बिहार भौतिक एवं सामाजिक आधारभूत संरचना के क्षेत्र में भी अत्‍यंत पिछड़ा है. राज्‍य की प्रति व्‍यक्ति आय भी राष्‍ट्रीय औसत से काफी कम है.