यूनिवर्सिटी प्रशासन का दावा है कि यूजर आईडी और पासवर्ड दोबारा एक्सेस कर लिया गया है.
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पटना : बिहार के पटना यूनिवर्सिटी की लापरवाही का शिकार इस वक्त 600 से ज्यादा छात्र हो रहे हैं. इन छात्रों को केन्द्र सरकार की प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना के अंतर्गत पैसे मिलने थे. लेकिन यूनिवर्सिटी की लापरवाही तो देखिए, पटना यूनिवर्सटी प्रशासन राष्ट्रीय छात्रवृति पोर्टल की ओर से आवंटित यूजर आईडी और पासवर्ड ही भूल गया. हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन का दावा है कि यूजर आईडी और पासवर्ड दोबारा एक्सेस कर लिया गया है. लेकिन यूनिवर्सिटी की इस लापरवाही का खामियाजा 600 से ज्यादा छात्र भुगत रहे हैं.
मीडिया के सामने अपनी परेशानी को बताते हुए मास्टर इन लाइब्रेरी साइंस के छात्र अनुभव कुमार सुमन का कहना है कि केन्द्र सरकार की तरफ से जो पैसे मिलने थे वो मिले नहीं और इसके लिए सीधे-सीधे यूनिवर्सिटी प्रशासन जिम्मेदार है.
दरअसल केन्द्र सरकार एससी, एसटी, बैकवर्ड क्लास से संबंध रखने वाले छात्रों को प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना के तहत नामांकन पर खर्च हुए पैसे छात्रों को बैंक खाते में भेजती है. इसके लिए सरकार ने एक वेबसाइट बनाई है, जिसे नाम दिया गया है राष्ट्रीय छात्रवृति पोर्टल. केन्द्र सरकार यूनिवर्सिटी को यूजर आईडी और पासवर्ड उपलब्ध कराती है. पटना यूनिवर्सिटी की लापरवाही तो देखिए कि वह आईडी और पासवर्ड ही भूल गया.
आपको बता दें कि प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना के तहत केन्द्र सरकार एसटी, एससी, बीसी क्लास के छात्रों को ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में दाखिला के लिए ली गई राशि का 90 फीसदी पैसा छात्रों को अकाउंट में भेज देती है. इसके लिए तीन स्तरों पर छात्रों के दस्तावेजों की जांच होती है. ग्रेजुएशन पार्ट वन में पढ़ाई के दौरान छात्रों को इंटर में मार्क्ससीट की कॉपी, पार्ट टू में छात्रवृति के लिए पार्ट वन की मार्क्स शीट और दूसरे दस्तावेज ऑनलाइन अप्लाई करना होता है.
मई-जून में संबंधित विश्वविद्यालय आवेदन और दस्तावेजों की जांच करता है. इसके बाद जिला कल्याण और राज्य नोडल पदाधिकारियों द्वारा पुष्टि के बाद छात्रों के खाते में पैसे भेज दिए जाते हैं. कायदे से ये काम जून के महीने में यूनिवर्सिटी को करना था, लेकिन अब जाकर यूनिवर्सिटी प्रशासन जागा है. उसके मुताबिक यूजर आईडी और पासवर्ड एक्सेस किया गया है और 200 छात्रों की शिकायतें दूर कर ली गई हैं.