Magh Gupta Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि में इस वाहन से आ रहीं माता, जानिए क्या होगा असर
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1538906

Magh Gupta Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि में इस वाहन से आ रहीं माता, जानिए क्या होगा असर

Magh Gupta Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. आज घरों में मां के प्रथम स्वरूप देवी काली की पूजा की जा रही है. ये गुप्त नवरात्र मां दुर्गा के दस महाविद्या स्वरूप की पूजा की नवरात्र है. देवी मां जब भी नवरात्र में आती हैं तो अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं.

Magh Gupta Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि में इस वाहन से आ रहीं माता, जानिए क्या होगा असर

पटना: Magh Gupta Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. आज घरों में मां के प्रथम स्वरूप देवी काली की पूजा की जा रही है. ये गुप्त नवरात्र मां दुर्गा के दस महाविद्या स्वरूप की पूजा की नवरात्र है. देवी मां जब भी नवरात्र में आती हैं तो अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं. देवी के अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आने से देश, काल और परिस्थिति पर भी इसका असर अलग-अलग होता है. माघ गुप्त नवरात्रि में माता हाथी पर सवार होकर आ रही हैं.

ऐसे तय तय होता है माता का वाहन
देवी का आगमन किस वाहन पर हो रहा है, यह दिनों के आधार पर तय होता है. सोमवार या रविवार को घट स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं. शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि की शुरुआत होने पर देवी का वाहन घोड़ा माना जाता है. गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र शुरू होने पर देवी डोली में बैठकर आती हैं. बुधवार से नवरात्र शुरू होने पर मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं. इस बार 26 सितंबर को देवी मां हाथी पर सवार होकर आ रही हैं.
इन तथ्यों को देवी भागवत के इस श्लोक में वर्णन किया गया है.   
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता ।।

वाहनों का यह होता है शुभ-अशुभ असर
माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार सालभर होने वाली घटनाओं का भी अनुमान किया जाता है. इनमें कुछ वाहन शुभ फल देने वाले और कुछ अशुभ फल देने वाले होते हैं. देवी जब हाथी पर सवार होकर आती हैं तो पानी ज्यादा बरसता है. घोड़े पर आती हैं तो युद्ध की आशंका बढ़ जाती है. देवी नौका पर आती हैं तो सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और डोली पर आती हैं तो महामारी का भय बना रहता हैं. इसका भी वर्णन देवी भागवत में किया गया है. 
गजे च जलदा देवी क्षत्र भंग स्तुरंगमे।
नोकायां सर्वसिद्धि स्या ढोलायां मरणंधुवम्।।

Trending news