लो जी! सत्तापक्ष के विधायकों की ही नहीं सुनते पुलिस और प्रशासन वाले, नीतीश सरकार के सामने आया एक और टेंशन
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लो जी! सत्तापक्ष के विधायकों की ही नहीं सुनते पुलिस और प्रशासन वाले, नीतीश सरकार के सामने आया एक और टेंशन

राजद विधायक ऋषि मिश्रा का कहना है कि पूरे बिहार में थानों का यही हाल है. आपके साथ कुछ हो जाए तो आप एफआईआर कराने के लिए थाने के चक्कर काटते रहे.

लो जी! सत्तापक्ष के विधायकों की ही नहीं सुनते पुलिस और प्रशासन वाले, नीतीश सरकार के सामने आया एक और टेंशन

पटना: बिहार में कानून व्यवस्था का हाल खराब हो चुका है. थाने में केस दर्ज नहीं किए जा रहे और विपक्ष इसी मसले पर सरकार को हर तरफ से घेर रहा है. विपक्ष तो छोड़िए, आजकल सत्तापक्ष के विधायक भी इस मसले को तूल दे रहे हैं. सत्ताधारी विधायकों के इस आरोपों से नीतीश कुमार की टेंशन बढ़ गई है. विधानसभा में राजद, कांग्रेस और भाकपा माले के विधायकों ने सवाल उठाते हुए कहा है कि मुकदमा दर्ज करने के लिए महीनों दौड़ाया जाता है. फिर भी एफआईआर दर्ज नहीं की जाती. सत्ताधारी विधायकों के इन आरोपों के बाद से बिहार की सियासत में उबाल आ गया है और बीजेपी के आरोपों को जाहिर तौर पर बल मिला है. 

राजद विधायक ऋषि मिश्रा का कहना है कि पूरे बिहार में थानों का यही हाल है. आपके साथ कुछ हो जाए तो आप एफआईआर कराने के लिए थाने के चक्कर काटते रहे. उन्होंने अपने क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा, औरंगाबाद जिले के दाउदनगर में एक मोबाइल टावर के सिस्टम और अन्य सामानों की चोरी हो गई. टावर के मैनेजर मुकदमा दर्ज कराने के लिए दौड़ते रहे और थानेदार उन्हें दौड़ाते रहे. जब विधायक ने इस मामले में थानेदार को फोन किया तो थानेदार ने टावर मैनेजर को खरी खोटी सुनादी. मुकदमा तब भी दर्ज नहीं हुआ. जब विधानसभा में मामला उठाया गया, तब जाकर केस रजिस्टर किया गया. 

सरकार में सहयोगी भाकपा माले के विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कहा, थानों में भारी गड़बड़ी चल रही है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता. हमलोग इस बात को पहले ही सदन में उठा चुके हैं. सरकार को इस मामले में सख्त होना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकार तो बदल गई पर पुलिस और प्रशासन का रवैया नहीं बदला है. 

उधर, कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास ने बताया, पुलिस मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी करती है. वहीं चढ़ावे वाली बात भी सही है. उन्होंने कहा कि अगर कोई विधायक फोन करेगा तो शिकायत दर्ज होगी नहीं तो नहीं होगी. उनके खुद  के क्षेत्र में भी यही हालात हैं. 

भाकपा माले के एक और विधायक गोपाल रविदास ने कहा, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी विधायकों से मिलते तक नहीं हैं और फोन भी बमुश्किल उठाते हैं. इससे जनप्रतिनिधियों की बेइज्जती होती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कम से कम इन मामलों में कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं. 

विधायकों के इन आरोपों पर पुलिस मुख्यालय में एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि विधानसभा का मामला हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर का है. जब यह मामला हमारे पास आएगा तो हम इस पर कार्रवाई करेंगे और मीडिया को भी जानकारी देंगे.

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