झारखंड : धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने पर लोगों ने किया हंगामा, चर्च बनाने का भी किया विरोध
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झारखंड : धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने पर लोगों ने किया हंगामा, चर्च बनाने का भी किया विरोध

लगातार गांव के लोगों पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया जा रहा है. इसमें बाहर के कुछ लोग भी उनका साथ दे रहे हैं. 

धर्म परिवर्तन को लेकर दो पक्षों के लोगों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

गुमला : झारखंड के गुमला के एक गांव में दो समुदाय के लोगों के बीच धर्म परिवर्तन को लेकर जमकर हंगामा हुआ. गांव के आदिम जनजाति के एक दर्जन से अधिक परिवारों ने ईसाई धर्म अपना लिया है. इसके बाद गांव के लोगों पर धर्म परिवर्तन करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है.

गुमला विशुनपुर थाना क्षेत्र के चिरोपाट सुदीकोना गांव में दो समुदाय के लोगों में धर्म परिवर्तन को लेकर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. दोनों पक्षों ने सोमवार को विशुनपुर थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराया. इसके बाद थाने में ही दोनों पक्षों को बैठाकर मामले फिलहाल शांत करा दिया गया, लेकिन अभी भी स्थिति सामान्य नहीं है.

एक पक्ष में गांव के लोग और दूसरे पक्ष में ईसाई समुदाय के लोग हैं. दोनों पक्षों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया. विशुनपुर थाना में गांव के लोगों ने कहा कि आदिम जनजाति के एक दर्जन से अधिक परिवार के सदस्यों ने ईसाई धर्म अपना लिया है. इसके बाद लगातार गांव के लोगों पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया जा रहा है. इसमें बाहर के कुछ लोग भी उनका साथ दे रहे हैं. 

गांववालों का कहना है कि ईसाई धर्म कबूल करने से मना करने पर झूठे केस में फंसा देने की धमकी दी जाती है. गांव का माहौल खराब हो गया है. लोगों में भय का माहौल व्याप्त है. ग्रामीणों ने ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. इसाई बने लोगों के समूह का कहना हा कि उन्होंने छह वर्ष पूर्व धर्म परिवर्तन किया. इसलिए गांव से निकालने की धमकी दी जाती है.

फिलहाल बिशुनपुर थाना में दोनों पक्ष के लोगों को बैठाकर समझौता करा दिया गया है. बावजूद, स्थिति सामान्य नहीं है. गांव के लोगों के इस गंभीर आरोप से लगता है कि कुछ बाहरी ताकतों के द्वारा धर्म परिवर्तन कराने के लिए आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित की जा रही है. गांव में सरकारी जमीन पर चर्च बनाने के लिए भी कई बार कोशिश की गई. स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप के बाद सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने नहीं दिया गया. इस कारण भी ईसाई समुदाय के लोग काफी डराते-धमकाते हैं. गांव के लोगों में काफी आक्रोश का माहौल व्याप्त है.