Chirag Paswan: 'पासवान स्वाभिमान सम्मेलन' में चिराग का छलका दर्द, कहा- मुझे तो अपनों ने ही दगा दिया
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Chirag Paswan: 'पासवान स्वाभिमान सम्मेलन' में चिराग का छलका दर्द, कहा- मुझे तो अपनों ने ही दगा दिया

Chirag Paswan News: चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस का नाम लिए बिना इशारों-इशारों में उनपर जमकर वार किया. चिराग ने कहा कि हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया. जिस पार्टी को 23 साल तक मेरे पिता ने खून-पसीने से सींचा, हमें उसी पार्टी से निकालकर बाहर फेंक दिया गया. 

चिराग पासवान

Chirag Paswan News: दरभंगा जिले में ऑल इंडिया पासवान एकता मंत्र ने पासवान स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन किया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में चिराग पासवान भी पहुंचे. चिराग पासवान ने इस सम्मेलन को संबोधित किया और इस दौरान उनका दर्द उनकी जुबान पर आ गया. सम्मेलन को संबोधित किया तो चिराग ने कहा कि हमें हमारे ही परिवार से निकालकर बाहर फेंक दिया गया. पिताजी के जाने के बाद जब अपनों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तो उन्हीं लोगों ने मुझे सड़क पर छोड़ दिया. 

चिराग ने कहा कि लोगों ने सोचा था कि मैं टूट जाऊंगा, लेकिन आप लोगों के आशीर्वाद से मैं नहीं टूटा. अपने चाचा पशुपति पारस का नाम लिए बिना चिराग ने इशारों-इशारों में उनपर जमकर वार किया. चिराग ने आगे कहा कि हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया. जिस पार्टी को 23 साल तक मेरे पिता ने खून-पसीने से सींचा, हमें उसी पार्टी से निकालकर बाहर फेंक दिया गया. उसके बाद फिर से षड्यंत्र रचा गया कि इसको इसके घर से निकाल दो. मेरी मां और मेरी नानी जो आज इस दुनिया में नहीं रही. उनको महज 3 घंटे के अंदर हमको सड़क पर फेंक दिया गया, तब भी चिराग पासवान नहीं टूटा. 

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चिराग ने कहा कि जो लोग यह सोचते हैं कि इन बातों से मैं टूट जाऊंगा. तो वह लोग भूल जाते हैं कि चिराग पासवान शेर का बेटा है. ना कभी टूटेगा ना ही कभी झुकेगा. उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि बिहार में ही युवाओं को बेहतर से बेहतर रोजगार के अवसर मिले. यहां के बच्चों के लिए अच्छी से अच्छी संस्थान खुले. यहां के बुजुर्ग और महिलाओं को इलाज के लिए दूसरे प्रदेश का रुख न करना पड़े. यहां पर ऐसी स्वास्थ्य व्यवस्था बने. उन्होंने पूछा कि क्या यही सोचा मेरा कसूर था. क्या बिहार के किसानों के बारे में सोचना मेरा कसूर बन गया. मजदूरों के अधिकारों का बात करना मेरा कसूर बन गया. बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट की बात करना मेरा कसूर बन गया. इस कसूर के लिए क्या-क्या नहीं किया गया मेरे साथ.

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