Lakhisarai Firing Case: बीजेपी जहां इस मामले पर नीतीश सरकार पर हमलावर है, वहीं अब जेडीयू ने भी पलटवार किया है. जेडीयू का आरोप है कि गिरफ्तार एक आरोपी बीजेपी का नेता है. जेडीयू के इस दावे से प्रदेश की सियासत गरमा गई है.
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Lakhisarai Firing Case: लखीसराय में सोमवार (20 नवंबर) को हुए गोलीकांड में हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. पहले पुलिस ने 'एकतरफा प्यार' वाली थ्योरी सामने रखी, फिर 'पति-पत्नी और वो' वाली स्क्रिप्ट सामने आई. पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी आशीष चौधरी ने जिस परिवार को गोली मारी वह उस परिवार का दामाद है. जो मामला पहले 'सनकी आशिक' का बताया जा रहा था. वो अब 'सनम बेवफा' टाइप का बन गया है. इस गोलीकांड में अब तक लड़की सहित उसके परिवार के चार सदस्यों की मौत हो चुकी है, जबकि दो सदस्य अभी भी मौत से जंग लड़ रहे हैं.
अब इस मामले को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो चुकी है. बीजेपी जहां इस मामले पर नीतीश सरकार पर हमलावर है, वहीं अब जेडीयू ने भी पलटवार किया है. जेडीयू का आरोप है कि गिरफ्तार एक आरोपी बीजेपी का नेता है. जेडीयू के प्रदेश उपाध्यक्ष महेंद्र यादव ने प्रेस कांफ्रेंस करके इस मामले में गिरफ्तार उमेश साव की विधानमंडल के नेता प्रतिपक्ष विजय चौधरी के साथ फोटो जारी की है. उन्होंने कहा कि उमेश साव बीजेपी का कार्यकर्ता है. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा इसे माला पहनाकर सम्मानित कर रहे हैं. जेडीयू के इस दावे से प्रदेश की सियासत गरमा गई है.
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उधर विजय सिन्हा ने पलटवार करते हुए कहा कि इस घटना में जेडीयू नेता अरविंद पासवान का नाम सामने आ रहा है. बीजेपी नेता ने अरविंद पासवान पर अपराधियों को बचाने का आरोप लगाया. विजय सिन्हा ने कहा कि सत्ता के इशारे पर जेडीयू नेता को बचाने के लिए पुलिस इस मामले को प्रेम-प्रसंग बता रहा है. उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष के लोगों का हाथ होने के कारण जेडीयू का कोई नेता न पीड़ित परिवार से मिलने नहीं आया और न संवेदना प्रकट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक पीड़ित परिवार को मुआवजा और दोषी को सजा नहीं मिल जाती है तब तक विपक्ष अपना आंदोलन जारी रखेगा.