70 फीट गहरे सुखे कुएं में गिरी गाय, 5 घंटे तक चला रेस्क्यू मिशन, निकाला सकुशल बाहर
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70 फीट गहरे सुखे कुएं में गिरी गाय, 5 घंटे तक चला रेस्क्यू मिशन, निकाला सकुशल बाहर

Jharkhand News: पहले तो ऐसा प्रतीत हुआ कि गाय 70 फीट गहरे कुएं में गिरी है तो उसका पैर टूट गया जिसे निकलना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाएगा. लेकिन गाय को कुएं में हिलता डुलता देख यह स्पष्ट हो गया कि गाय सकुशल है. फिर अग्नि सम्मान ने चार से पांच टैंकर पानी कुएं में डाला.

70 फीट गहरे सुखे कुएं में गिरी गाय, 5 घंटे तक चला रेस्क्यू मिशन, निकाला सकुशल बाहर

रांची : हजारीबाग में 70 फीट गहरे कुएं में गाय गिर गई. अग्निशमन के कर्मियों ने पांच घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाकर गाय को सकुशल बाहर निकाला. दरअसल पूरा मामला यह है कि फॉरेस्ट कॉलोनी में एक कुआं पिछले कई सालों से उपयोग में नहीं आ रहा था. आलम यह था कि कुआं चारों ओर झाड़ी से ढक गया था. कुएं में पानी भी नहीं था .ऐसे में एक गाय चराते हुए उसे कुएं में जा गरी. जिसकी सूचना स्थानीय लोगों को हुई. स्थानीय लोगों ने वाइल्डलाइफ प्रोटक्शन रेस्क्यू टीम के सदस्य देव प्रसाद को इसकी सूचना दी.

उन्होंने अग्निशमन की टीम को इसकी सूचना दी और 11:00 बजे से गाय को बचाने के लिए रेस्क्यू चलाया गया लगभग 5 घंटे तक यह रेस्क्यू चला. पहले तो ऐसा प्रतीत हुआ कि गाय 70 फीट गहरे कुएं में गिरी है तो उसका पैर टूट गया जिसे निकलना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाएगा. लेकिन गाय को कुएं में हिलता डुलता देख यह स्पष्ट हो गया कि गाय सकुशल है. फिर अग्नि सम्मान ने चार से पांच टैंकर पानी कुएं में डाला. जिससे गाय पानी में ही तैरते हुए ऊपर आ गई. फिर जेसीबी मशीन से गाय का रास्ता बनाया गया. उसे कुएं से बाहर निकला गया. गाय को सकुशल निकालने के बाद लोगों के चेहरे में मुस्कान भी नजर आया और थकावट भी दूर हो गई.

अग्नि सम्मान विभाग के फायर ऑफिसर रामदेव सिंह ने जानकारी दिया की गाय को बचाने के लिए 11:00 बजे से रेस्क्यू चलाया गया. 4 से 5 टैंकर पानी कुएं में डाला गया. फिर वह गए सकुशल निकल गई. वही देव प्रसाद ने भी प्रशासन और स्थानीय लोगों को इसके लिए धन्यवाद दिया कि एक बेजुबान जानवरों को निकालने के लिए किस तरह सभी लोग एक जूटता का परिचय दिया. तो दूसरी ओर फायर ऑफिस में ही काम करने वाले कर्मी ने जानकारी दिया कि हजारीबाग के लोग का सहयोग उसे तरह नहीं मिल पाता है जैसा मिलना चाहिए. पानी लाने के दौरान सड़क पर लोग रास्ता नहीं देते हैं. जिससे घटना स्थल पर थोड़ा आविलंब हो जाता है. इसलिए लोगों को सोचना चाहिए कि बेजुबान जानवर हो या फिर इंसान उसको बचाने के लिए जब अग्निशमन का दस्ता निकलता है तो उसे रास्ता दे और सहयोग भी करें.

इनपुट- यादवेंद्र मुन्नू

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