महागठबंधन पर संकट के बीच सीएम नीतीश कुमार से मिले तेजस्वी यादव, 45 मिनट तक हुई बातचीत
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महागठबंधन पर संकट के बीच सीएम नीतीश कुमार से मिले तेजस्वी यादव, 45 मिनट तक हुई बातचीत

नीतीश कुमार ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक की और बैठक खत्म होने के बाद उन्होंने तेजस्वी से मुलाकात की.

बेनामी संपत्तियों के मामले में तेजस्वी (दाएं) के ऊपर एफआईआर दर्ज है. (फाइल फोटो)

पटना : होटल के बदले भूखंड मामले में सीबीआई के छापे को लेकर सत्तारूढ़ जदयू और राजद के बीच बढ़ी कटुता के चरम सीमा पर पहुंच जाने की अटकलों के बीच उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार (18 जुलाई) को यहां संपन्न मंत्रिपरिषद में भाग लिया. नीतीश की मौजूदगी में गत 15 जुलाई को पटना में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम से तेजस्वी के गायब रहने से भी महागठबंधन में रार और गहरी हुई थी.

पटना स्थित पुराने सचिवालय में मंगलवार शाम करीब एक घंटे तक चली राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद तेजस्वी मुख्यमंत्री के कक्ष में गए. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और तेजस्वी के भाई तेजप्रताप यादव और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तथा शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी भी मुख्यमंत्री के कक्ष में मौजूद थे. उनके बीच क्या बातचीत हुई इस बारे में बातें बाहर नहीं आ सकी है, लेकिन इसे यह दिखाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है कि जदयू, राजद और कांग्रेस का महागठबंधन अटूट है.

इससे पूर्व एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए राजद के मंत्री आज (मंगलवार, 18 जुलाई) एक बार फिर पटना के दस सकुर्लर रोड स्थित राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी राबडी देवी के आवास पर इकठ्ठा हुए और साथ में मंत्रिपरिषद की बैठक में भाग लेने पंहुचे. मंत्रिपरिषद की बैठक में भाग लेने तेजस्वी और तेजप्रताप एक वाहन पर सवार होकर पहुंचे थे.

उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान 2004 में रांची और पुरी स्थित आईआरसीटीसी के दो होटलों का लाइसेंस जारी किए जाने के बदले लालू के परिवार को तीन एकड़ भूखंड दिए जाने के मामले में तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद, राबडी देवी और पांच अन्य का नाम आने के मद्देनजर सीबीआई ने गत शुक्रवार (14 जुलाई) को लालू के आवास सहित 12 ठिकानों पर छापे मारे थे. 

इसके बाद करीब पांच दिनों तक चुप रही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने तेजस्वी से उनपर लगे आरोपों के बारे में पूर्ण तथ्यों के साथ जनता की अदालत के बीच जाने को कहा था, लेकिन राजद प्रमुख ने अपनी ओर से महागठबंधन को तोड़ने से इंकार किया करते हुए अपने विधायक दल के उस निर्णय कि तेजस्वी के इस्तीफे का कहीं कोई प्रश्न ही नहीं उठता का हवाला देते हुए इस कार्रवाई को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया था और उन्होंने कहा था कि सारी बातें पहले से सार्वजनिक है, जिसे देखना हैं देखे. 

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सोमवार (17 जुलाई) को एक तरह से अपने इस्तीफा देने की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह केवल मीडिया में है. गत बुधवार (12 जुलाई) को मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पुराने सचिवालय मुख्य द्वार पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया लेने पहुंचे मीडियाकर्मियों के साथ उपमुख्यमंत्री के सुरक्षा गार्डों के कथित दुर्व्यवहार की घटना के बाद आज (मंगलवार, 18 जुलाई) मंत्रिपरिषद की बैठक के समय मीडियाकर्मियों का पुराने सचिवालय में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था और मंत्रिपरिषद की ब्रीफिंग सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सभागार में हुई.

मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सभागार में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय समन्वय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश महरोत्रा ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने आज कुल 17 एजेंडों पर मुहर लगायी. वहीं तेजस्वी के इस्तीफे की मांग कर रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू और उनके परिवार पर अपने प्रहार को जारी रखते हुए आज कहा कि तेजस्वी यादव एवं 7 अन्य पर सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120 बी एवं 420 तथा भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम 1988 की धारा 13 (2) 13 (1) डी के तहत दर्ज किया है.

अपने आवास पर आयोजित जनता दरबार के बाद आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए सुशील ने आरोप लगाया कि डिलाईट मार्केंटिंग की 3 एकड़ जमीन जब सरला गुप्ता ने तेजस्वी को 2013—14 में सौंपी उस समय वे दाढ़ी मूंछ सहित पूरी तरह बालिग थे. उन्होंने आरोप लगाया कि जब तेजस्वी ने 3 एकड़ जमीन पर 7 लाख 66 हजार स्क्वायर फुट का 12 मंजिला बिहार के सबसे बडे़ मॉल के निर्माण का उद्घाटन 5 मर्इ् 2016 को सुरसंड विधायक दोजाना की कम्पनी के साथ किया उस समय तेजस्वी केवल दाढी-मूंछ वाले ही नहीं बल्कि राज्य सरकार के उपमुख्यमंत्री भी थे.

सुशील ने आरोप लगाया कि डिलाईट मार्केंटिंग के माध्यम से जब तेजस्वी दिल्ली एवं पटना की 13 अन्य सम्पति (मकान सहित) के मालिक बने उस समय तेजस्वी 'दुधमुंहां' बच्चे नहीं बल्कि 23 वर्ष के थे और पूरी तरह बालिग थे. उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकार तेजस्वी यादव कुल 26 सम्पति के मालिक हैं. इसमें से 13 सम्पति कम्पनियों के माध्यम से हैं और 13 सम्पति जो उनके नाम से पंजीकृत हुई है.

सुशील ने आरोप लगाया कि कुल 26 संम्पति में से 13 के मालिक तेजस्वी तब बने जब वे या तो 'दुधमुंहे' बच्चे थे या आठवीं-नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे और बाकी 13 संपत्ति के मालिक तब बने जब वे 24 वर्ष की उम्र के थे, दाढी-मूंछ थी और पूरी तरह बालिग थे. उन्होंने कहा कि उपरोक्त 26 में से 13 सम्पति को आय कर विभाग ने बेनामी घोषित कर औपबन्धिक रूप से जब्त कर लिया है.

बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील ने आरोप लगाया कि ​तोहफें लेते समय या जमीन लिखवाते समय कभी नहीं कहा कि मेरी दाढी-मूंछ नहीं है इसलिए जमीन नहीं लूंगा लेकिन दाढी-मूंछ होने पर 13 बेनामी सम्पति के मालिक बन गए और फंस गए तो कहते हैं कि मेरी तो उस समय दाढी मूंछ भी नहीं थी.

होटल के बदले भूखंड मामले में सीबीआई के छापे के बाद तेजस्वी पर लगे आरोपों के बारे में उन्हें पूर्ण तथ्यों के साथ जनता की अदालत के बीच जाने की बात करने वाली जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने आज कहा, ‘हठधर्मिता से बड़ा होता है गठबंधन धर्म.’ जदयू के एक अन्य प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने आज (मंगलवा, 18 जुलाई) फिर अपने पार्टी के रुख को दोहराया.