हजारीबाग के इचाक प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र डाडी घाघर पंचायत अंतर्गत पुरनपनिया गांव में मार्मिक दृश्य सरकार के खोखले दावे का पोल खोल दी. जहां पगडंडी के सहारे खटिया पर गर्भवती महिला को कराहते हुए फुफंदी गांव तक लाया गया जिसके बाद एंबुलेंस से इचाक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया गया. बताते चलें की निशा अपनी बहन के घर पुरनपनिया आई हुई थी. गर्भवती महिला को सुबह से ही दर्द उठा था, लेकिन गांव में कोई पुरुष नहीं रहने के कारण समय से अस्पताल नहीं पहुंचाया गया। जिसके बाद तेज दर्द होने पर परिजन प्रसूति के लिए जर्जर पगडंडी पर सात किलोमीटर महिला को खटिया में लेकर पैदल चलने पर विवश थे. हालांकि काफी तकलीफों को पार करते हुए गर्भवती महिला को इचाक सामुदायिक स्वास्थ्य लाया गया. जहां उसने स्वस्थ बच्चा को जन्म दिया. पुरनपनिया एक ऐसा गांव है जहां सैकड़ों घर आदिवासियों का बसेरा है, जहां आज भी लोग सड़क, बिजली और पानी के लिए तरसते है.