जॉर्डन में हुए अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिता में भारत का नाम रोशन करने वाली खुशी सिंह को केंद्र मंत्री स्मृति ईरानी व सरकार द्वारा ''बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ'' मुहिम का ब्रांड एंबेसडर बनाया. दिल्ली पहुंचने पर लोगों ने पगड़ी पहनाकर किया गया सम्मानित.
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ओपी शुक्ला/ दिल्ली/नागलोई: जॉर्डन में हुए अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिता में भारत का नाम रोशन करने वाली खुशी सिंह का नागलोई में पगड़ी पहनाकर सम्मान किया गया. साथ ही भाजपा के पूर्व विधायक मनोज शौकीन ने 51 हजार की धनराशि देकर हौसला अफजाई की, वहीं केंद्र मंत्री स्मृति ईरानी व भारत सरकार द्वारा खुशी सिंह को ''बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ'' मुहिम का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया है.
भाजपा से सांसद पूनम महाजन ने भी महिला घुड़सवार टीम से मिलकर उनकी हौसला अफजाई की है. ऐसे में खुशी सिंह दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार से मदद चाहती है और अगले साल होने वाले वर्ल्ड कप में भाग लेकर देश को स्वर्ण पदक दिलाना चाहती हैं. जॉर्डन में हुए अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिता में भारत का नाम रोशन करने वाली खुशी सिंह का नागलोई में पगड़ी पहनाकर सम्मान किया गया.
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साथ ही भाजपा के पूर्व विधायक मनोज शौकीन ने 51 हजार की धनराशि देकर हौसला अफजाई की, वहीं खुशी सिंह और उनकी टीम की महिलाएं भारत की पहली घुड़सवार महिला प्लेयर है, जिन्होंने विदेश में जाकर घुड़सवारी प्रतियोगिता में भारत का नाम रोशन किया है. खुशी सिंह के मुताबिक महिला अंतर्राष्ट्रीय टेंट पेगिंग चैंपियनशिप में पदार्पण करते हुए, कप्तान रितिका दहिया, प्रियंका भारद्वाज और खुशी सिंह की भारतीय तिकड़ी ने जॉर्डन में प्रतिष्ठित कार्यक्रम में देश के लिए कांस्य पदक जीता.
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान समेत कुल मिलाकर, 14 देशों ने प्रतियोगिता में भाग लिया और भारतीय टीम ने पहली बार अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. प्रतियोगिता में व्यक्तिगत स्पर्धा में खुशी सिंह ने 18 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया. स्वर्ण पदक जीता और देश का नाम रोशन किया. प्रतियोगिता में खुशी सिंह ने भारत के लिए स्वर्ण पदक, एक कांस्य पदक व दो सिल्वर पदक की जीत हासिल की है.
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वही, भारत लौटने पर घुड़सवारी महिला प्लेयर्स टीम का जोरदार स्वागत किया गया. जहां केंद्र मंत्री स्मृति ईरानी व भारत सरकार द्वारा खुशी सिंह को ''बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ'' मुहिम का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया है. वही भाजपा से सांसद पूनम महाजन ने भी महिला घुड़सवार टीम से मिलकर उनकी हौसला अफजाई की है.
खुशी सिंह के मुताबिक उनका परिवार मूलतः सुल्तानपुर के गांव गजेंद्र पुर का रहने वाला है और उनके पिता वीरेंद्र सिंह हरियाणा के मानेसर में एक कंपनी में इलेक्ट्रिशियन की जॉब करते हैं । खुशी सिंह के परिवार में माता-पिता व दो भाई है और वह दिल्ली के आया नगर इलाके में किराए के एक मकान में रहती हैं. खुशी सिंह दिल्ली के बृजवासन में स्थित "वॉरियर्स हॉर्स राइडिंग अकैडमी" में जूनियर कोच के रूप में काम करती है, जिससे उनका खर्च चलता है.
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साथ ही वह इस अकैडमी में अपने लिए प्रैक्टिस भी करती है. खुशी सिंह एक साधारण परिवार से बिलॉन्ग करती हैं. जहां घुड़सवारी जैसे गेम्स को अफोर्ड कर पाना परिवार के लिए पहाड़ जैसा होता है, लेकिन इन सबके बावजूद खुशी सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत के साथ घुड़सवारी में यह मुकाम हासिल किया. खुशी सिंह का कहना है कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली, अगर मदद मिलती तो शायद इससे भी अच्छा कर गुजरने की उनमे ललक थी.
आपको बता दें कि खुशी सिंह अब अगले साल होने वाले वर्ल्ड कप चैंपियनशिप में भाग लेना चाहती हैं और उसके लिए तैयारी कर रही हैं. ऐसे में दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार से भी मदद की गुहार लगा रही है, जिससे भारत को वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक मिल सके.