छत्तीसगढ़ में 62 नक्सलियों ने किया सरेंडर, राजनाथ सिंह ने बताया 'बड़ी कामयाबी'
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छत्तीसगढ़ में 62 नक्सलियों ने किया सरेंडर, राजनाथ सिंह ने बताया 'बड़ी कामयाबी'

अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली सदस्य प्रतिबंधित माओवादी संगठन के कुतुल एरिया कमेटी के अंतर्गत तुमेरादि जनताना सरकार में पिछले लगभग 10 वर्षों से सक्रिय थे. 

अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से 55 नक्सलियों ने हथियार के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. (फोटो साभार - ANI)

रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में 62 नक्सलियों ने मंगलवार को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. नारायणपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले में बस्तर क्षेत्र के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और भारत तिब्बत सीमा पुलिस के अधिकारियों के समक्ष 62 नक्सलियों ने मंगलवार को आत्मसमर्पण कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे 'बड़ी कामयाबी' करार दिया है

अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से 55 नक्सलियों ने हथियार के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. नक्सलियों में से पांच के खिलाफ अदालत ने स्थाई वारंट भी जारी किया था.

पिछले दस वर्षों से सक्रिय थे ये नक्सली
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली सदस्य प्रतिबंधित माओवादी संगठन के कुतुल एरिया कमेटी के अंतर्गत तुमेरादि जनताना सरकार में पिछले लगभग 10 वर्षों से सक्रिय थे. नक्सली हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सभी एरिया कमेटी में जनताना सरकार का गठन करते हैं. तुमेरादि जनताना सरकार अतिसंवेदनशील और हिंसक श्रेणी में आता है जिसके अंतर्गत तुमेरादि, तुडको, गुमचूर, ताडोबेडा गांव आते हैं.

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से पूछताछ के दौरान जानकारी मिली है कि पिछले कुछ वर्षों से पुलिस के बढ़ते दबाव और सक्रिय नक्सली सदस्यों की लगातार गिरफ्तारी तथा आत्मसमर्पण से नक्सली संगठन कमजोर हुआ है. क्षेत्र में सुरक्षाबलों के लगातार नक्सल विरोधी अभियान से नक्सलियों का जनाधार कमजोर होने लगा है. इस वजह से कई नक्सली सदस्य संगठन छोडकर अपने गांव वापस आ गए हैं एवं मौका मिलने पर समर्पण भी कर सकते हैं.

नक्सलियों ने दी पुलिस को अहम जानकारी
अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने पुलिस को जानकारी दी है कि क्षेत्र में नक्सली कमांडरों का लगातार गांव में आना-जाना लगा रहता था. लेकिन सोनपुर गांव में पुलिस शिविर स्थापित होने के बाद तथा सुरक्षाबलों द्वारा क्षेत्र में लगातार अभियान चलाए जाने के बाद इसमें कमी आई है. उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में जनताना सरकार और जनमिलिशिया के सदस्य हैं.

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि उन्होंने खोखली माओवादी विचारधारा और उनके शोषण, अत्याचार, भेदभाव और हिंसा से तंग होकर मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है. छत्तीसगढ़ में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. प्रथम चरण में राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के सात जिलों और राजनांदगांव जिले की 18 विधानसभा सीटों पर इस महीने 12 तारीख को मतदान होगा. वहीं शेष 72 विधानसभा सीटों के लिए 20 तारीख को मत डाले जाएंगे. राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बल लगातार गश्त कर रहे हैं, वहीं नक्सलियों ने चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की है. 

राजनाथ सिंह ने दी मुख्यमंत्री को बधाई
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे 'बड़ी कामयाबी' करार दिया है. गृहमंत्री ने कहा कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति की सफलता नक्सलियों को हिंसा का मार्ग छोड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. आत्मसमर्पण के फौरन बाद उन्होंने ट्वीट किया, “मैं राज्य के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और डीजीपी एवं पुलिस बल को इस बड़ी कामयाबी के लिए बधाई देता हूं.'

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