केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर बढ़ी हुई सैलरी मिल रही है.
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर बढ़ी हुई सैलरी मिल रही है. हालांकि उनकी मांग उससे अधिक सैलरी की है. वे न्यूनतम बेसिक सैलरी 18000 रुपए से बढ़ाकर 26000 रुपए करने की मांग कर रहे हैं. इस बीच, कई राज्य सरकारों ने अपने यहां 7वां वेतन आयोग लागू करना शुरू कर दिया है. यूपी में स्टेट यूनिवर्सिटी में यह सिफारिश लागू होने के बाद अब एमपी सरकार ने भी इसका क्रियान्वयन करने का ऐलान किया है. एमपी में इस साल विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं. उससे पहले राज्य की बीजेपी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग को लागू कर बड़ा तोहफा दिया है. यह बढ़ोतरी 1 जनवरी, 2016 से मानी जाएगी.
कर्मचारियों को 32 माह का एरियर मिलेगा
हमारी सहयोगी वेबसाइट डीएनए के मुताबिक मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को 32 माह का एरियर मिलेगा. मध्य प्रदेश के पब्लिक रिलेशन अफसर नरोत्तम मिश्र ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार के सभी राज्य पोषित कॉलेजों के शिक्षकों को नए वेतनमान का फायदा मिलेगा. बढ़ी हुई सैलरी की रकम उनके जीपीएफ खाते में ट्रांसफर की जाएगी.
यूपी में टीचरों की सैलरी 35 हजार तक बढ़ेगी
इससे पहले यूपी सरकार ने टीचर्स डे पर शिक्षकों और प्रोफेसरों को बड़ा तोहफा दिया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने शिक्षकों और प्रोफेसरों के लिए 7वां वेतन आयोग लागू करने को मंजूरी दी है. यह वेतनमान स्टेट कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में लागू होगा. इस फैसले से शिक्षकों के वेतन में 15 हजार रुपये से 35 हजार रुपये के बीच हर महीने बढ़ोतरी होगी. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षकों और प्रोफेसरों के लिए नया वेतनमान लागू करने से सरकारी खजाने पर 921.54 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा और इसमें राज्य की भागीदारी 50% की होगी. यह बढ़ोतरी 1 जनवरी, 2016 से लागू है. इसमें 18 राज्य विश्वविद्यालय, जिसमें एक लॉ यूनिवर्सिटी, एक डीम्ड यूनिवर्सिटी और ओपन यूनिवर्सिटी भी शामिल है. प्रवक्ता ने बताया कि रजिस्ट्रार, फाइनेंशियल अफसर, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, प्रो वीसी और वीसी इसमें शामिल नहीं होंगे.