कैशलेस हो रहा गरियाबंद का गांव
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कैशलेस हो रहा गरियाबंद का गांव

देश को कैशलेस बनाने की दिशा में बहुत कुछ हो रहा है, लेकिन इस मामले में गरियाबंद का एक छोटा सा गांव मिसाल पेश कर रहा है, पढ़िए पूरी ख़बर। 

कैशलेस हो रहा गरियाबंद का गांव

गरियाबंद: केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया और गो कैशलेस का असर अब छोटे गांवों में भी नजर आने लगा है।

गांव के लोग भी अब ऑनलाइन लेनदेन करने में दिलचस्पी दिखाने लगे हैं।

डिजिटल क्रांति से जुड़ा एक ऐसा ही छोटा सा गांव है, गरियाबंद जिले का श्यामनगर।

1,300 की आबादी वाले इस गांव में छोटी बड़ी कुल मिलाकर 40 दुकानें है, इनमें से 25 दुकानें पूरी तरह से डिजिटल हो गई हैं।

इतना ही नहीं बाकी के दुकानदार भी जल्द ही डिजिटल होने की बात कह रहे हैं। 

यहां सब्जी बेचने वाले हों या फिर मेडिकल स्टोर या फिर सीमेंट, लोहे की दुकान के मालिक सभी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रहे हैं।

गांव में बढ़ रहे डिजिटलाइजेशन से ग्रामीण भी खुश है, ग्रामीणों के मुताबिक अब उन्हें नगदी के झंझट से मुक्ति मिल गई है।

उन्हें जब भी कोई सामान खरीदना होता है, अपना मोबाइल लेकर जाते हैं और ऑनलाइन पेमेंट कर देते हैं।

गांव के डिजिटलाइजेशन की सबसे अहम बात ये है कि इसके लिए ग्रामीणों को ना तो किसी ने प्रेरित किया और ना ही ट्रेनिंग दी गई।

ग्रामीणों को प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया की बात अच्छी लगी, इसलिए वो खुद ही इस अभियान से जुड़ गए।

 

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