सरकारी आंकड़े कहते हैं कि मध्य प्रदेश का हर तीसरा व्यक्ति है मजदूर!
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सरकारी आंकड़े कहते हैं कि मध्य प्रदेश का हर तीसरा व्यक्ति है मजदूर!

सीएम शिवराज सिंह की राज्य के मजदूरों के लिए शुरू की गई महात्वाकांक्षी योजना में अब तक करीब सवा दो करोड़ लोगों मे पंजीकरण करा लिया है.

मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजना के लिए एक अप्रैल से पंजाकरण शुरू किया गया था.

भोपाल: सीएम शिवराज सिंह चौहान की राज्य के मजदूरों के लिए शुरू की गई महात्वाकांक्षी योजना में अब तक करीब सवा दो करोड़ लोगों मे पंजीकरण करा लिया है. हम बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजना की. इस योजना के लिए एक अप्रैल से पंजाकरण शुरू किया गया था. वहीं इस योजना में करीब सवा दो करोड़ लोगों ने पंजीयन करा लिया है. आप को शायद इन आंकड़ों पर यकीन नहीं होगा, लेकिन ये आंकड़े सरकारी हैं और बिल्कुल सही हैं. सरकारी आंकड़ों की मानें, तो राज्य में रहने वाला हर तीसरा शख्स मजदूर है. वहीं कांग्रेस ने इस मामले पर सरकार पर तीखा हमला बोला है. कांग्रेस ने प्रदेश की शिवराज सरकार पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए योजना में घोटाले की बात कही है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की कुल जनसंख्या साढ़े सात करोड़ हैं. 

  1. योजना के लाभ हेतु दो करोड़ से ज्यादा लोगों ने कराया पंजीकरण

    मामले की जांच होगी, नही दिया जाएगा गलत लाभ- प्रदेश सरकार

    सरकारी अमले का दुरुपयोग कर बीजेपी कर रही बड़ा घपला- कांग्रेस

मामले की हो जांच- कांग्रेस
एक अप्रैल से शुरू हुई इस योजना का लाभ लेने के लिए दो करोड़ से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण करवा लिया है. साथ ही ये संख्या लगातार बढ़ रही है और इसके ढाई करोड़ तक पहुंचने के आसार बनने लगे हैं. साढ़े सात करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में ढाई करोड़ मजदूरों की मौजूदगी के आंकड़े ने एक नई बहस छेड़ दी है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता माणक अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस योजना में जरूर कोई ना कोई घोटाला है. आखिर प्रदेश में अचानक इतने मजदूर कहां से आ गए. उन्होंने शिवराज सरकार पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से पहले बीजेपी सरकारी अमले का दुरुपयोग कर एक बड़ा घपला कर रही है. इसकी जांच होनी चाहिए.

योजना में छोटे किसान भी हैं शामिल
इतनी संख्या में मजदूरों के पंजीकरण ने प्रदेश सरकार के कान भी खड़े कर दिए हैं. इस मामले पर प्रदेश के श्रम मंत्री बालकृष्ण पाटीदार ने कहा है कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. पाटीदार ने कहा कि एक ही परिवार के 18 से 60 वर्ष के सभी सदस्यों के आवेदन करने से यह आंकड़ा सामने आया है. इसकी जांच कर गलत पंजीकृत नामों को हटाया जाएगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि योजना में ढाई एकड़ जमीन के मालिक छोटे किसानों को भी शामिल किया गया है, इसलिए ये आंकड़ा बड़ा हो सकता है. उन्होंने कहा कि अलग-अलग योजनाओं का लाभ ले रहे लोगों को एक ही जगह पर लाया जाएगा. किसी को योजनाओं का गलत लाभ नहीं दिया जाएगा. पाटीदार ने कहा कि हो सकता है कि जांच के बाद भी डेढ़ से दो करोड़ के बीच लोगों को इस योजना के तहत फायदा मिले.

इन लोगों ने किया आवेदन
आपको बता दें कि योजना के अंतर्गत खेतों में मजदूरी करने वाले, गृहकर्मी, स्ट्रीट हॉकर्स, मछली पकड़ने वाले श्रमिक, पत्थर तोड़ने वाले, स्थायी ईंट निर्माता, दुकानदार, गोदामों, परिवहन, हथकरघा, बिजली के सामान, डाइंग-प्रिंटिंग, सिलाई-बुनाई-कढ़ाई, लकड़ी के सामान, चमड़े के सामान और जूते बनाने वाले और पटाखे बनाने वाले, ऑटो रिक्शा चालकों, लकड़ी के मजदूर, और अन्य मजदूर असंगठित कार्यकर्ता वर्ग में आते हैं. सरकार की इस योजना में प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन, नि:शुल्क उपचार, बच्चों को मुफ्त शिक्षा और मुफ्त प्रशिक्षण आदि जैसी इन योजनाओं के लाभ के लिए राज्य के गरीब मजदूरों ने अपना पंजीकरण कराया है. श्रमिक परिवारों ने इसके लिए 1 अप्रैल से 15 मई तक पंजीकरणत कराया था. 

 
क्या हैं योजना के लाभ 
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत एक किफायती घर का लाभ
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन
नि:शुल्क चिकित्सा उपचार
बच्चों को मुफ्त शिक्षा
नि:शुल्क प्रशिक्षण
मृत्यु में राहत सहायता

क्या थे पात्रता मापदंड
आवेदक एक श्रमिक होना चाहिए
श्रम किसी भी प्रकार की सरकार या अनुबंध सेवा में नहीं होना चाहिए
श्रमिक करदाता नहीं होना चाहिए
ढाई एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए

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