Dhar Election Result: धार में बीजेपी का फिर से कब्जा, कांग्रेस को इतने वोटों से हराया
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Dhar Election Result: धार में बीजेपी का फिर से कब्जा, कांग्रेस को इतने वोटों से हराया

Dhar Election Result: धार विधानसभा सीट पर 20 सालों से बीजेपी का कब्जा है. लेकिन इस बार कांग्रेस ने यहां पूरा जोर लगाया है. 

धार विधानसभा सीट

Dhar Election Result:  मध्यप्रदेश में मतगणना पूरी हो गई है. बीजेपी को प्रदेश में स्पष्ट बहुमत मिला है. बीजेपी को प्रदेश में 163 सीटों पर जीत मिली है. वहीं धार विधानसभा सीट की  बात करें तो यहां से भी बीजेपी को जीत मिली है. करीब 10 हजार वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी इस सीट से चुनाव हारे हैं.

2023 में ऐसा रहा परिणाम
बीजेपी- नीना विक्रम वर्मा  90371
कांग्रेस-  प्रभा बालमुकुन्द गौतम 80677
बीजेपी की 9694 वोटों से जीत

78.88 प्रतिशत मतदान 

धार विधानसभा सीट पर इस बार जमकर मतदान हुआ है. यहां पर 78.88 प्रतिशत मतदान हुआ है. हालांकि राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार धार में मुकाबला थोड़ा दिलचस्प हैं, क्योंकि कांग्रेस ने इस बार यहां महिला प्रत्याशी उतारकर पूरा जोर लगाया है. 2018 में भी कांग्रेस यहां बीजेपी के जीत के अंतर को बहुत हद तक कम करने में कामयाब रही थी. ऐसे में इस बार यहां मुकाबला दिलचस्प रहा है. 

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2018 में ऐसा रहा था परिणाम 

बात अगर 2018 विधानसभा चुनाव के परिणामों की जाए तो यहां बीजेपी की नीना वर्मा ने कांग्रेस की प्रभा सिंह गौतम 5,718 वोटों से हराया था. नीना वर्मा को 93,180 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 87,462 वोट मिले थे. ऐसे में इस बार यहां किसकी जीत होगी यह जनता की अदालत में 3 दिसंबर को पता चलेगा. 

धार सीट का राजनीतिक इतिहास 

धार विधानसभा सीट के सियासी इतिहास पर नजर डालें तो यहां 1977 से अब तक हुए 10 चुनावों में सबसे ज्यादा 7 में भाजपा ने जीत दर्ज की है.1990 के बाद के चुनाव की बात करें तो तब के चुनाव में विक्रम वर्मा बीजेपी के टिकट पर चुने गए. 1993 में भी वह यहीं से विधायक बने. इस सीट पर विक्रम वर्मा 4 बार अलग-अलग पार्टियों से विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. वह बीजेपी के कद्दावर नेता रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री भी रहे.  1998 के चुनाव में कांग्रेस ने यह सीट बीजेपी से छीन ली. इस बार विक्रम वर्मा को हार मिली. 2003 में बीजेपी ने जसवंत सिंह राठौड़ को मैदान में और जीत मिली, लेकिन 2008 में एक बार फिर भाजपा ने विक्रम वर्मा की पत्नी को टिकट दिया और वे तब से लगातार 2013 और 2018 समेत तीन चुनाव जीत चुकी हैं.

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