उज्जैन में सिंधी समाज ने प्री-वैडिंग शूट पर बैन लगा दिया है. सिंधी समाज के पदाधिकारियों के अनुसार प्री-वैडिंग शूट सामाजिक मर्यादाओं के अनुरूप नहीं हैं.
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नई दिल्लीः उज्जैन में सिंधी समाज ने प्री-वैडिंग शूट पर बैन लगा दिया है. सिंधी समाज के पदाधिकारियों के अनुसार प्री-वैडिंग शूट सामाजिक मर्यादाओं के अनुरूप नहीं हैं. प्री-वैडिंग शूट से समाज पर गलत प्रभाव पड़ रहा है. पति-पत्नी का रिश्ता बेहद गंभीर और निजी होता है. ऐसे में प्री-वैडिंग शूट के दौरान खींची गई तस्वीरों को शादी के दौरान बड़ी-बड़ी स्क्रीनों पर प्रदर्शित किया जाता है. यही नहीं सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी प्री-वैडिंग शूट की तस्वीरें शेयर करते हैं जो कि समाज की मर्यादाओं का उल्लंघन करती हैं. इस तरह से प्री-वैडिंग शूट कर अपनी निजी तस्वीरों को समाज के सामने प्रदर्शित करना गलत है. पति-पत्नी को अपने संबंधों और आपसी प्यार को निजी रखना चाहिए. इसलिए प्री-वैडिंग शूट पर सिंधी समाज ने प्रतिबंध लगाया है.
नियम का उल्लंघन करने पर भरना होगा जुर्माना
यही नहीं सिंधी समाज ने प्री-वैडिंग शूट पर बैन के साथ एक और फरमान सुनाया है. वह यह कि अगर कोई भी परिवार समाज द्वारा लिए इस फैसले का उल्लंघन करता है तो उल्लंघन करने वाले वर और वधू पक्ष को 10-10 हजार का जुर्माना भरना होगा. उल्लंघन करने वालों की सजा यहीं खत्म नहीं होती. उल्लंघन करने वाले परिवारों को समाज के सामने आकर मांफी भी मांगनी होगी ताकि वे आगे चलकर ऐसी गलती न करें. स्वामी लीलाशाह धाम सिंधी धर्मशाला में हुई इस सभा में समाज की महिलाओं ने भी भागीदारी ली.
सामाजिक मर्यादाओं के विपरीत प्री-वैडिंग शूट
सिंधी समाज में सभा के दौरान कहा गया कि समाज में जैसे-जैसे प्री-वैडिंग शूट का प्रचलन बढ़ रहा है शादियों और रिसेप्शन में भी इन वीडियोज और फोटोज को दिखाने का प्रचलन बढ़ गया है. जो कि सामाजिक मर्यादा के अनुकूल नहीं है. ऐसे में अगर आगे चलकर रिश्तेदारी खत्म होती है तो परिवारों के लिए भी यह काफी अप्रिय होता है कि उनके घर के बच्चों के निजी पल दूसरों के सामने पहले ही आ चुके थे. इसलिए सामाजिक मर्यादाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया.
सभी व्यापारी रविवार का दिन परिवार के साथ बिताएं
बता दें कि सिंधी समाज के पदाधिकारियों ने प्री-वैडिंग शूट पर रोक के अलावा दो और फैसले लिए हैं. समाज के दो और फैसलों में अंतिम संस्कार के दूसरे दिन होने वाला उठावना और रविवार की छुट्टी शामिल है. पदाधिकारियों ने फैसला लिया है कि अब किसी की मृत्यु के बाद होने वाला उठावना अंतिम संस्कार के दूसरे दिन सुबह के 9:30 बजे होगा. इसके अलावा अब से सभी कारोबाली और व्यापारी रविवार का दिन अपने परिवार के साथ बिताएंगे और काम से छुट्टी लेंगे. सिंधी समाज द्वारा ये सभी फैसले रविवार को हुए अखिल भारत लाढ़ी लोहाणा सिंधी पंचायत की नगर इकाई की सभा में लिए गए.