आध्यात्मिक धर्मगुरु भय्यू जी महाराज ने मंगलवार (12 जून) को अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली.
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नई दिल्ली: आध्यात्मिक धर्मगुरु भय्यू जी महाराज ने मंगलवार (12 जून) को अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. इस घटना की अभी आपराधिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन मीडिया रिपोर्ट में इसका दावा है. उन्हें इंदौर के बांबे अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया था. वह ऐसे आध्यात्मिक गुरु थे जिन्हें मध्य प्रदेश सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था. हालांकि उन्होंने कार और अन्य सरकारी सुविधाएं लेने से मना कर दिया था. वह अप्रैल 2016 में ही सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले चुके हैं.
पारिवारिक विवाद के कारण अवसाद में थे
इंडियन एक्सप्रेस ने इंदौर के डीआईजी हरीनारायणचारी मिश्रा के हवाले से कहा कि उनकी आत्महत्या के पीछे पारिवारिक विवाद कारण माना जा रहा है. यह भी अफवाह है कि वह इस कारण अवसाद में थे. उनकी मौत के बाद अस्पताल के बाहर भारी संख्या में समर्थक जुटने लगे थे. पूर्व मॉडल और जमीनदार के पुत्र भय्यूजी महाराज का सही नाम उदयसिंह देशमुख था. वह अपने पहनावे को लेकर काफी चर्चा में रहते थे.
पहनावे और महंगी जीवनशैली के कारण रहते थे चर्चा में
भय्यूजी महाराज का आश्रम इंदौर में स्थित है. वह सफेद रंग के मर्सिडीज एसयूवी में ही चलते थे. उनके फॉलोवर अधिक नहीं थे. वह यात्राओं के दौरान महंगे रिजॉर्ट में ही रुकते थे. राजनेताओं और कारोबारियों के बीच उनकी अच्छी पैठ थी. बड़े लोग समय-समय पर उनसे राय लिया करते थे. उनकी वेबसाइट पर युवा राष्ट्र संत श्री सद्गुरु भय्यूजी महाराज को आधात्मिक गुरु, समाज सुधारक और मोटीवेटर दर्शाया गया है. साइट के मुताबिक वह लोगों के जवीन में खुशहाली लाने का काम करते थे. उनकी शादी इंदौर स्थित डॉक्टर से हुई थी. हालांकि इससे उनके कई अनुयायी नाराज थे. 2011 में लोकपाल मुद्दे पर अन्ना हजारे के अनशन के समय वह सुर्खियों में रहे थे.