जीआरपी की पुलिस अधीक्षक अनीता मालवीय पर आरोप है कि जब पीड़िता उनके पास अपने साथ हुए सामूहिक बलात्कार मामले की शिकायत दर्ज करवाने आईं थीं, तो वह पीड़िता के प्रति असंवेदनशील थीं.
Trending Photos
भोपाल: यहां 19 वर्षीय एक छात्रा के साथ पांच दिन पहले हुए कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के दो अधिकारियों का रविवार (5 नवंबर) को तबादला कर दिया है. इनमें से एक महिला आईपीएस है. जिन दो आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है उनमें भोपाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक योगेश चौधरी और भोपाल रेलवे मंडल के जीआरपी की पुलिस अधीक्षक अनीता मालवीय शामिल हैं. मध्यप्रदेश गृह विभाग के एक आदेश में रविवार को कहा गया है कि चौधरी को मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था एवं सुरक्षा के रूप में स्थानांतरण किया गया है, जबकि अनीता का पुलिस मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक के रूप में तबादला किया गया है.
अनीता पर आरोप है कि जब पीड़िता उनके पास अपने साथ हुए सामूहिक बलात्कार मामले की शिकायत दर्ज करवाने आईं थीं, तो वह पीड़िता के प्रति असंवेदनशील थीं. आदेश के अनुसार चौधरी के स्थान पर जयदीप प्रसाद अब भोपाल रेंज के नये महानिरीक्षक होंगे.
इससे पहले, तीन नवंबर को मध्य प्रदेश पुलिस ने इस छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की घटना की प्राथमिकी दर्ज करने में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिस थाना प्रभारी सहित पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था और एक नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) को मैदानी ड्यूटी से हटाकर पुलिस मुख्यालय स्थानांतरित कर दिया था.
जिन्हें निलंबित किया गया, उनमें एमपी नगर पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक संजय सिंह बैस, हबीबगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक रवीन्द्र यादव, हबीबगंज जीआरपी थाने के प्रभारी निरीक्षक मोहित सक्सेना, एमपी नगर थाने के उप निरीक्षक एन एन टेकाम और हबीबगंज जीआरपी थाने के उपनिरीक्षक भवानी प्रसाद उइके शामिल थे, जबकि सीएसपी कुलवंत सिंह का स्थानांतरण पुलिस मुख्यालय में किया गया.
इस छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार मामले में जांच के लिये पुलिस उपमहानिरीक्षक सुधीर लाड के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. इस दल में महिला पुलिसकर्मी , फोरेंसिक विशेषज्ञ के अलावा भोपाल जीआरपी के प्रभारी निरीक्षक को शामिल किया गया है.
पुलिस के अनुसार इन अधिकारियों को पीड़िता की प्राथमिकी तब दर्ज करनी थी, जब वह उनके थाने में आई थी. लेकिन इन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने बताया कि मीडिया में आयी खबरों, जिसकी पुलिस जांच में पुष्टि हुयी है कि घटनास्थल को लेकर तीन पुलिस थानों के बीच हुए सीमा के विवाद में बलात्कार पीड़ित छात्रा की प्राथमिकी दर्ज करने से मना किया गया. इससे पीड़िता की प्राथमिकी दर्ज होने में लगभग 24 घंटे का विलम्ब हुआ.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ित छात्रा 31 अक्तूबर, मंगलवार रात को कोचिंग से वापस घर जाने के लिये रेलवे लाइन के किनारे से हबीबगंज रेलवे स्टेशन की ओर जा रही थी. तभी चार बदमाशों ने रेलवे पुलिया के नीचे ले जाकर कथित तौर पर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया.
मालूम हो कि पीड़ित छात्रा के माता-पिता भी पुलिसकर्मी हैं. इस मामले में अंतत: घटना के करीब 24 घंटे बाद पीड़िता की प्राथमिकी हबीबगंज जीआरपी पुलिस थाने में बुधवार (1 नवंबर) शाम को दर्ज की गयी. इसी थाना क्षेत्र में यह घटना हुयी थी. इस मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि चौथे आरोपी राजू की तलाश की जा रही है. शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) हबीबगंज थाने के एक अधिकारी ने बताया कि भादंवि की धारा 376 (डी), धारा 394 और धारा 34 अन्य सम्बद्ध धाराओं में आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
भोपाल गैंगरेप पीड़िता ने कहा, 'दोषियों को चौराहे पर फांसी देनी चाहिए'
वहीं दूसरी ओर पीड़िता ने आरोपियों के खिलाफ भी सख्त से सख्त सजा की मांग करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को जीवित नहीं छोड़ा जाना चाहिए. पीड़िता के चेहरे पर उस काली रात के खौफ़ का मंजर साफ छलक रहा था. पीड़िता को सबसे ज्यादा गुस्ता भोपाल पुलिस की कार्यशौली को लेकर था. ANI से अपनी पीड़ा बयां करते हुए उसने कहा कि वह अपने पिता के साथ इस थाने से उस थाने भटकती रही लेकिन किसी भी पुलिसवाले ने उनकी मदद नहीं की, उल्टा उसके साथ हादसे पर ही सवाल उठाने लगे.