राज्य को लेकर जारी हुए कई प्री-पोल सर्वे बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से और बड़े अंतर के साथ रमन सिंह की सरकार आएगी.
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रायपुर: छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह ने जुलाई, 2016 में बीजेपी के सबसे ज्यादा दिनों तक मुख्यमंत्री बने रहने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था. रमन सिंह साल 2003 से छत्तीसगढ़ की सत्ता संभालने के बाद से अभी तक अपराजित रहे हैं. उन्होंने वर्तमान प्रधानमंत्री और तत्कालीन गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी के उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जो उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में बनाया था. इसके साथ ही अब रमन सिंह की नजर लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की ओर लगी है.
जोगी कांग्रेस और बीएसपी के गठबंधन से मिल रही चुनौती
राज्य को लेकर जारी हुए कई प्री-पोल सर्वे बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से और बड़े अंतर के साथ रमन सिंह की सरकार आएगी. हालांकि, यह छत्तीसगढ़ जैसे राज्य के लिए कह पाना अप्रत्याशित होगा, क्योंकि यहां हमेशा ही कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर होती आई है. इन सबके बीच राज्य में कांग्रेस से नाता तोड़ने वाले अजीत जोगी की छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) ने बीएसपी और सीपीआई से गठबंधन कर विधानसभा चुनाव को और भी रोचक बना दिया है.
चुनौतियों से निपटने में माहिर हैं सीएम रमन सिंह
हालांकि, यह पहली बार नहीं होगा कि जब सीएम रमन सिंह ऐसी स्थिति में फंसे हों. इससे पहले भी साल 2013 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बस्तर में हुए एक बड़े माओवादी हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के शिखर नेतृत्व के कई नेताओं की मृत्यु होने पर भी माहौल बदल गया था. लोगों को लग रहा था कि इस बार सहानुभूति वोट पाकर कांग्रेस राज्य में सत्ता पा लेगी. कहा जा रहा था कि यह हमला रमन सरकार के ऊपर लगा एक बड़ा धब्बा था.
छत्तीसगढ़ में हैं बीजेपी के 'साइलेंट परफॉर्मर'
कहा जाता है कि बीजेपी की राज्य सरकार पर आए इस संकट से निपटने के लिए सीएम रमन सिंह ने जांच टीम को साफ शब्दों में 'सुरक्षा मामले में हुई चूक' की बात स्वीकार कर ली थी. हालांकि, उन्होंने अपने बयान में कहा था कि सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए थे. उनके इस बयान ने उनकी छवि को एक कठोर निर्णय लेने वाले के रूप में मजबूत किया था. वहीं, एक रूपए किलो की चावल योजना लाकर रमन सिंह प्रदेश की गरीब जनता के बीच चाउर वाले बाबा के नाम से विख्यात हो गए थे. सीएम रमन सिंह को छत्तीसगढ़ के लिए बीजेपी का 'साइलेंट परफॉर्मर' भी कहा जाता है.
रमन सिंह पेशे से हैं आयुर्वेदिक डॉक्टर
66 साल के रमन सिंह पेशे से आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं. अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत रमन सिंह ने मध्य प्रदेश की कवर्धा विधानसभा सीट पर विधायक के रूप से शुरू की थी. वर्ष 1999 में उन्होंने राजनांदगांव से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने और अटल सरकार में उन्हें वाणिज्य-उद्योग राज्य मंत्री भी बनाया गया.
2003 से जो एक बार कुर्सी पर आए तो हिले ही नहीं
वहीं, छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद वर्ष 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने रमन सिंह को अपना चेहरा घोषित किया था. इस चुनाव में बीजेपी ने 50 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में बीएसपी को दो सीटें और नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को एक सीट पर जीत मिली थी. 2003 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही रमन सिंह लगातार बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाते आए हैं.
मुख्यमंत्री के रूप में बनाया सबसे लंबे कार्यकाल का रिकॉर्ड
गौरतलब है कि रमन सिंह के नाम 15 साल और 10 महीने से राज्य के मुख्यमंत्री पद पर रहने का रिकॉर्ड है. अब एक बार फिर विधानसभा चुनाव में चौथी बार जीत दर्ज कर रमन सिंह इस रिकॉर्ड को और ऊंचा करने की कोशिश में लगे हुए हैं. बता दें कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है. राज्य में दो चरणों में चुनाव संपन्न होगा. प्रथम चरण में 12 नवंबर को 18 विधानसभा क्षेत्रों में तथा दूसरे चरण में 20 नवंबर को शेष 72 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा.