Chhattisgarh Seat Analysis: भाजपा का गढ़ है मुंगेली, यहां 2008 से कांग्रेस को नहीं मिली एक भी सीट, देखें आंकड़े
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Chhattisgarh Seat Analysis: भाजपा का गढ़ है मुंगेली, यहां 2008 से कांग्रेस को नहीं मिली एक भी सीट, देखें आंकड़े

Chhattisgarh Seat Analysis: 2012 में बने जिले में सिर्फ 2 विधानसभा सीटें हैं. यह पहले कांग्रेस फिर भाजपा का कब्जा रहा. अब एक सीट पर भाजपा और दूसरी पर जनता कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है.

Chhattisgarh Seat Analysis: भाजपा का गढ़ है मुंगेली, यहां 2008 से कांग्रेस को नहीं मिली एक भी सीट, देखें आंकड़े

Assembly Election 2023 Mungeli District Analysis: साल 2012 में बिलासपुर से अलग होकर बने मुंगली जिले में वर्तमान में 2 विधानसभा सीट हैं. इसमें एक मुंगेली और दूसरी लोरमी है. हालांकि, जिले का दर्ज जरूर 11 साल पहले मिला है, लेकिन छत्तीसगढ़ की विधानसभा के रूप में यह 2001 में ही अस्तित्व में आ गई थीं. मुंगेली सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और लोरमी सीट सामान्य है. 

छत्तीसगढ़ के पहले विधानसभा चुनाव 2003 में इन दोनों सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था. उस वक्त लोरमी से कांग्रेस के  धर्मजीत सिंह और मुंगेली से चंद्रभान ने जीत हासिल की थी. दोनों ही सीटों पर भाजपा मुख्य विपक्षी पार्टी थी. हालांकि, 2008 में मुंगेली सीट भाजपा के खाले में चली गई और पुन्नूलाल मोहले ने जीत दर्ज की. तब से यह सीट भाजपा के पास ही है. 

साल 2013 में भाजपा ने मुंगेली और लोरमी दोनों सीटों पर जीत दर्ज कर जिले में अच्छी पकड़ बना ली. दोनों सीटों को भाजपा का गढ़ माना जाने लगा. लेकिन कांग्रेस छोड़कर अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ में धर्मजीत सिंह ने एक बार फिर से कमाल कर दिखाया और भाजपा से अपनी खोई हुई सीट छीन ली. फिलहाल मुंगेली में भाजपा और लोरमी सीट पर जनता कांग्रेस का कब्जा है. आइए अब नजर डालते हैं आंकड़ों पर...

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