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Sansad Adarsh Gram Yojana: गोद लेकर गांव को भूले BJP सांसद, हाईटेक तो दूर बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे ग्रामीण

Sansad Adarsh Gram Yojana: राजनेता किसी भी सरकारी योजना और कार्यक्रम के लिए आगे तो आते हैं, लेकिन बाद में उसे पूरा करना भूल जाते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ है छत्तीसगढ़ के बालोद जिला अंतर्गत आने वाले मटिया में, जिसे बीजेपी सांसद मोहन मंडावी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत गोद लिया, लेकिन बाद में गांव की सुध नहीं ली. अब गांव के लोग हाइटेक होना तो दूर बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरह रहे हैं.

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गोद लेकर भूले सांसद: बालोद जिला मुख्यालय से 33 किलोमीटर दूर ग्राम मटिया गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र में है. इस गांव को सांसद मोहन मंडावी ने गोद लिया हुआ है. सांसद द्वारा इस गांव को गोद लेने की सूचना मिलते ही 2 हजार की आबादी वाले इस गांव के ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई थी. ग्रामीणों को उम्मीद थी कि अब गांव में विकास कार्य कराया जाएगा और सारी समस्या दूर हो जाएंगी, लेकिन ग्रामीणों की उम्मीदों पर पानी फिर गया. विकास तो दूर दोबारा सांसद ही गांव नहीं पहुंचे.

 

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ग्रामीणों को हो रही परेशानी: ग्रामीणों का आरोप है कि सांसद मोहन मंडावी ने जुलाई 2021 में ग्राम मटिया को गोद लिया. डेढ़ साल बीतने जा रहा है सांसद अपने गोद लिए गांव में एक भी बार नहीं पहुंचे, न ही ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराया. ग्रामीणों का कहना है सिर्फ गोद लेकर आदर्श ग्राम बना कर छोड़ दिया गया है. यहां पीने का पानी और सड़क तक की सुविधा नहीं है. आंगनबाड़ी जर्जर है वहीं गांव में राशन की दुकान ही नहीं है, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामने करना पड़ता है.

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क्या कहते हैं सांसद? जब अपने ही गोद लिए गांव को भूले जाने पर सांसद मंडावी से पूछा गया तो तो उन्होंने बेतुका जवाब दिया. सांसद मंडावी कहते है कि उनके लोकसभा अंतर्गत 8 विधानसभा में 4 हजार गांव आते हैं. मैं अकेला सांसद हूं, 6 महीना दिल्ली में भी रहना पड़ता हैं. एक साल में एक गांव होता है. पांचवे साल में मटिया का नंबर लगेगा.

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योजना पर रुची नहीं दिखा रहे सांसद: प्रदेश में भाजपा के नौ और कांग्रेस के दो लोकसभा सदस्य हैं, लेकिन अब तक आदर्श ग्राम को लेकर कोई भी सांसद अपनी उपलब्धि बताने की स्थिति में नहीं है. इसके चलते न तो वहां विकास हो पा रहा है और न ही लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिल पा रही है. कई सांसदों ने गांव तो गोद ले लिए हैं, लेकिन वे उसके प्रति गंभीर नहीं हैं. दूसरी तरफ कुछ सांसद ऐसे हैं जो गोद लेने के बाद ही गांव को भूल गए हैं.

 

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क्या है सांसद आदर्श ग्राम योजना? सांसद आदर्श ग्राम योजना गांवों के निर्माण और विकास के लिए चलाया जा रहा एक कार्यक्रम है. इसका मुख्य लक्ष्य ग्रामीण इलाकों का विकास करना है. कार्यक्रम का  शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने जयप्रकाश नारायण के जन्म दिन 11 अक्टूबर 2014 को शुरू किया था. इस योजना के तहत सांसद अपने इलाके के एक गांव को गोद लेते हैं और इसके विकास के लिए काम करते हैं.