दिग्विजय सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार का एक आदेश जो अभी भी प्रभावशील है, में कहा गया है कि केन्द्र सरकार का कोई भी कर्मचारी, अधिकारी आरएसएस की शाखा में हिस्सा नहीं ले सकता है.
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भोपाल: मध्यप्रदेश में आरएसएस की शाखाओं में शासकीय कर्मचारियों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगाने के कांग्रेस के घोषणा पत्र के वादे पर चल रहे विवाद पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिये इस तरह का प्रतिबंध पहले से ही लागू है.
दिग्विजय सिंह ने कहा,‘कांग्रेस द्वारा दलितों, महिलाओं, युवाओं, आदिवासियों और किसानों के लिये घोषणा पत्र में किए गए 95 प्रतिशत वायदों को नजरअंदाज कर दिया गया जबकि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार में जो प्रावधान पहले से लागू है उस पर बहस की जा रही है.’
दिग्विजय सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार का एक आदेश जो अभी भी प्रभावशील है, में कहा गया है कि केन्द्र सरकार का कोई भी कर्मचारी, अधिकारी आरएसएस की शाखा में हिस्सा नहीं ले सकता है और शाखा को सरकारी भवन या परिसर में करने की भी अनुमति नहीं है.’ उन्होने दावा किया कि यह आदेश अन्य कई राज्यों में भी प्रभावशील है.
उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश में भी यह आदेश जनसंघ और बीजेपी सरकारों के वक्त वीरेन्द्र कुमार सकलेचा, कैलाश जोशी, सुन्दरलाल पटवा, उमा भारती और बाबूलाल गौर के मुख्यमंत्रीत्व काल में लागू था. हमने केवल इसे जारी रखने की बात कही है. उन्होने बताया कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने आरएसएस को प्रतिबंधित किया था.
बता दें कांग्रेस ने शनिवार को जारी अपने चुनावी घोषणा पत्र में 'सामान्य प्रशासन और प्रशासनिक सुधार' के अध्याय में कहा है कि 28 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनावों के जरिये सूबे की सत्ता में आने पर शासकीय परिसरों में संघ की शाखाएं लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. इसके साथ ही, सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को इन शाखाओं में हिस्सा लेने की छूट के आदेश को भी रद्द किया जायेगा.
आरएसएस की शाखा को कोई प्रतिबंधित नहीं कर सकता के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान पर दिग्विजय ने चुटकी लेते हुए कहा,‘शिवराज जी को नरेन्द्र मोदी (प्रधानमंत्री) से केन्द्र सरकार के भवनों में शाखा लगाने की अनुमति देने के बारे में पूछना चाहिए.’
बता दें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को खरगोन में कहा था,‘आरएसएस देशभक्त लोगों का संगठन है और हर सरकारी कर्मचारी इसकी शाखाओं में हिस्सा ले सकता है.’
मालूम हो कि कांग्रेस सरकार ने मध्यप्रदेश में सरकारी परिसरों में वर्ष 1981 में आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने वर्ष 2000 में इस प्रतिबंध की समीक्षा की थी और यह प्रतिबंध भाजपा की मुख्यमंत्री उमा भारती और बाबूलाल गौर के काल में भी लागू था. इसके बाद वर्ष 2006 में मुख्यमंत्री चौहान ने इस प्रतिबंध को हटाया था.
(इनपुट - भाषा)