रेप पीड़िता को रेपिस्ट के बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर नहीं कर सकते: जबलपुर हाईकोर्ट
Advertisement

रेप पीड़िता को रेपिस्ट के बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर नहीं कर सकते: जबलपुर हाईकोर्ट

जबलपुर हाईकोर्ट ने ये फैसला 16 हफ़्तों की गर्भवती नाबालिग रेप पीड़िता की याचिका पर सुनाया है जिसे सरकारी खर्च पर गर्भपात की इजाज़त दे दी गई है.

जबलपुर उच्च न्यायालय.

जबलपुर: हाइकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आदेश दिया है कि किसी भी रेप पीड़िता को रेपिस्ट के बच्चे को जन्म देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. हाईकोर्ट का ये आदेश इसलिए अहम है क्योंकि प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा फैसला सुनाया गया है जो आगे जाकर इस तरह के मामलों के लिए कानूनी नज़ीर बन जायेगा. जबलपुर हाईकोर्ट ने ये फैसला 16 हफ़्तों की गर्भवती नाबालिग रेप पीड़िता की याचिका पर सुनाया है जिसे सरकारी खर्च पर गर्भपात की इजाज़त दे दी गई है. पीड़िता के मामले में अर्जेंसी को समझते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को 24 घन्टो में 3 डॉक्टर्स की कमेटी गठित करने का निर्देश भी दिया है, कमेटी 24 घण्टे के भीतर गर्भवती की मेडिकल जांच करके अपनी रिपोर्ट देगी. हाईकोर्ट ने कहा है कि 3 में से 2 डॉक्टर्स की राय गर्भपात के पक्ष में आती है तो एबॉर्शन की प्रक्रिया बिना कोई देर शुरू कर दी जाए.

हाईकोर्ट ने प्रदेश के स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिवो को इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं ताकि कहीं कोई कोताही ना हो. हाइकोर्ट ने कहा है अगर नाबालिग रेप पीड़िता का एबॉर्शन सफल हो जाता है तो भ्रूण का डीएनए सेम्पल सुरक्षित रखा जाए. बता दें कि खंडवा के रहने वाले एक किसान ने 15 अक्टूबर को अपनी नाबालिग बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी इसके बाद पुलिस ने बेटी को बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था. 31 अक्टूबर को बेटी मिली. मेडिकल जांच में बेटी के गर्भवती होने का पता चला था आरोपी लंबे समय से उसका यौन शोषण कर रहा था. गर्भपात के लिए डॉक्टर के पास जब नाबालिक को ले जाया गया तो उन्होंने गर्भपात करवाने से इंकार कर दिया और शासन और प्रशासन स्तर से भी पीड़िता को गर्भपात की इजाजत नहीं दी गई. ऐसे में पीड़िता ने जबलपुर हाईकोर्ट की शरण ली थी जिस पर हाईकोर्ट ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. 

Trending news