मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत दर्ज की है. बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत है. बीएसपी ने 2 और सपा ने 1 सीट के साथ कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया है.
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नई दिल्लीः मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के नतीजों के बाद जहां बहुमत को लेकर फंसा पेंच सुलझा वहीं सबसे बड़े दल के रूप में उभरी कांग्रेस की तरफ से सीएम प्रत्याशी को लेकर विवाद उत्पन्न होता दिख रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. लेकिन कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका है. इसलिए राज्यपाल की तरफ से कांग्रेस को सरकार बनाने का न्योता नहीं दिया गया है. शाम को कांग्रेस विधायक दल की बैठक है जिसमें ये निर्णय होगा कि राज्य की कमान किसके हाथों में होगी.
कांग्रेस की तरफ से सीएम पद की दावेदारी में दो प्रमुख नामों की चर्चा है. ये दो नाम हैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया है. वैसे तो इस लिस्ट में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का नाम पहले नंबर पर दिख रहा है. लेकिन सिंधिया के समर्थक पूरी तरह से उन्हें सीएम बनाने को लेकर सड़क पर उतर आए है.
भोपाल में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों ने रैली निकाली है. 40-50 की संख्या में सिंधिया समर्थकों ने ये रैली सीएम के घर के पास निकाली है. इससे पहले कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'शिवराज कहते थे कि राज्य में 200 सीटें जीतेंगे. लेकिन पूरे 5 राज्यों की कुल सीटें मिलाकर भी बीजेपी की 200 सीटें नहीं हो रही है.'
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दोपहर 12 बजे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने पहुंचे कांग्रेस नेता कमलनाथ के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे. मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह ने अच्छी लड़ाई लड़ी. उन्होंने कहा कि शिवराज मेरे अच्छे दोस्त हैं. कमलनाथ दोपहर 1 बजे भोपाल में शिवराज सिंह से मिलने के लिए जाएंगे. मध्य प्रदेश के सीएम पद की दावेदारी के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि यह फैसला विधायक दल की बैठक में होगा.
राज्यपाल को सौंपी अपनी चिट्ठी में कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और निदर्लीय विधायकों के समर्थन का दावा पेश किया है.
शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इस्तीफे के बाद शिवराज सिंह ने कहा कि मैं कमलनाथ जी को बधाई देता हूं.
भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान के घर पर बीजेपी की अहम बैठक चली. इस बैठक के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से कहा कि हमारे पास संख्या बल नहीं है, मैं संख्या बल के सामने सिर झुकाता हूं. हम राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे. मैं राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने जा रहा हूं.
शिवराज के घर हुई बीजेपी की बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, विनय सहत्रबुद्धे और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह भी मौजूद रहे.
इससे पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा समय तक कांग्रेस ने ही राज किया है. लेकिन कांग्रेस ने समाज के दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक तबके के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया है. कांग्रेस ने यदि इस तबके के लिए कुछ किया होता तो हमें बीएसपी बनाने की आवश्यकता नहीं होती. मायावती हमने ये चुनाव हमने बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए लड़ा था. लेकिन हम इसमें कामयाब नहीं हुए है. इसलिए हम कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान करते हैं.
इससे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि हम बुधवार को राज्यपाल महोदय से मुलाकात करेंगे. राकेश सिंह ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस को जनादेश नहीं मिला है. राकेश सिंह ने दावा किया है कि राज्य के कई निर्दलीय विधायक उनके संपर्क में है.
वहीं 114 सीटें जीतने वाली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर अपनी सरकार बनाने का दावा पेश किया है. साथ ही उन्होंने मंगलवार देर रात राज्यपाल से मिलने का वक्त भी मांगा था. कमलनाथ ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी होने निर्दलीय विधायकों के समर्थन की बात करते हुए प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश किया है.
अपने पत्र में कमलनाथ ने लिखा है, ‘‘कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरकर आ रही है.
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इसके अलावा कांग्रेस को सभी निर्दलियों का भी समर्थन हासिल है.’’ इसके साथ ही कमलनाथ ने परिणामों की अधिकृत घोषणा के साथ ही वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगते हुए प्रदेश में सरकार बनाने की अनुमति चाही है.