कैलाश विजयवर्गीय बोले, 'कमलनाथ को नहीं है गांवों के हालात की समझ'
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कैलाश विजयवर्गीय बोले, 'कमलनाथ को नहीं है गांवों के हालात की समझ'

भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को कहा कि कमलनाथ ने ‘‘एसी कमरों में बैठकर राजनीति की है’’ और उन्हें गांवों के हालात की समझ बहुत कम है.

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: बीजेपी ने कांग्रेस नेता कमलनाथ की आलोचना करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में गोशाला बनवाने का उनका वादा यह दर्शाता है कि गांवों की स्थिति के बारे में उनमें समझ नहीं है. पंचायतों के पास तो स्कूल बनाने तक को जमीन नहीं है. भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को कहा कि कमलनाथ ने ‘‘एसी कमरों में बैठकर राजनीति की है’’ और उन्हें गांवों के हालात की समझ बहुत कम है.

कमलनाथ को गांवों के हालात की समझ कम- विजयवर्गीय
उन्होंने कहा, पंचायतों के पास बहुत कम जमीन बची है और वर्तमान में स्कूल बनाने के लिए भी सरकार को किसानों से जमीन लेनी पड़ती है. विजयवर्गीय ने सवाल किया, क्या वह कोलकाता में अपने गांव से जमीन लेकर आएंगे. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने वादा किया था कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर हर ग्राम पंचायत में गौशाला बनाई जाएगी, क्योंकि गाय की बात करने वाली बीजेपी ने गायों के लिए कुछ नहीं किया है. विदिशा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा था, "बीजेपी गौमाता को लेकर बातें बड़ी-बड़ी करती है, जमीन पर करती कुछ नहीं. सैकड़ों गौमाता रोज मर रही हैं, लेकिन उन्हें इसकी कोई चिंता नहीं है. बीजेपी गौमाता के नाम पर सिर्फ राजनीति करती है. हम गौमाता को तड़पते हुए नहीं देख सकते." 

कमलनाथ ने बोला था सीएम शिवराज पर हमला
मप्र कांग्रेस प्रमुख ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नर्मदा सेवा यात्रा, किसान यात्रा और जन आशीर्वाद यात्रा पर तंज कसते हुए कहा था कि शिवराज सिंह ने अच्छे काम किए होते, तो जनता खुद उन्हें आशीर्वाद देती, उन्हें आशीर्वाद लेने जाना नहीं पड़ता. कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया का जिक्र करते हुए कहा था कि नारे जोर-शोर से दिए, लेकिन क्या इतनी भीड़ में कोई है, जिसे इसका फायदा मिला हो. शिवराज सिंह ने बड़ी-बड़ी इन्वेस्टर्स मीट कीं, उन पर करोड़ों रुपए खर्च किए, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं है. जितने उद्योग लगे नहीं, उससे ज्यादा बंद हो गए. कोई निवेश नहीं आया, क्योंकि उद्योगपतियों को भी मध्य प्रदेश की सरकार पर भरोसा नहीं रहा.

(इनपुट भाषा से)

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