भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 4 मई को भोपाल प्रवास में आएंगे. इस दिन अमित शाह ने पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में शाह प्रदेश के BJP नेताओ को चुनाव में जीत का मंत्र देने वाले हैं.
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नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 4 मई को भोपाल प्रवास में आएंगे. इस दिन अमित शाह ने पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है. इसमें में शाह प्रदेश के BJP नेताओ को चुनाव में जीत का मंत्र देने वाले हैं. इस मीटिंग में शाह चुनावी मंत्र के साथ ही नेताओं की क्लास भी लेने वाले हैं. बैठक में मंडल अध्यक्ष, महामंत्री और प्रदेश अधिकारी से लेकर सभी संगठनों के प्रमुख अधिकारी शामिल होंगे. प्रदेश में भाजपा के 8 सौ से ज्यादा मंडल हैं. शाह द्वारा ली जा रही इस बैठक में 5 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता शामिल हो सकते हैं. बैठक भोपाल के दशहरा मैदान में होगी और इसी दिन अमित शाह प्रदेश की कार्यसमिति की बैठक को भी संबोधित करेंगे. अपनी इस बैठक में शाह चुनावी चुनौतियों से लेकर पार्टी के प्रचार-प्रसार पर पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत करेंगे.
टल गई अमित शाह द्वारा तय की गई मोटरसाइकल रैली
शाह ने अपने पिछले दौरे में कहा था कि सभी मंत्रियों को अपने प्रभार क्षेत्र में जाना चाहिए. जिला मुख्यालयों में जाकर कार्यकर्ताओं से बात करें. सांसद और विधायक निधि कार्यकर्ता के हिसाब से खर्च की जाए. लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. वहीं अमित शाह के द्वारा तय की गई प्रदेश स्तरीय की बड़ी मोटरसाइकल रैली टल गई है . न ही ग्राम पंचायत में दीनदयाल उपवन बने न ही मुख्यमंत्री कहीं भी जिलों के कार्यकर्ताओं के साथ टिफिन पार्टी पर गए. अब देखना यह होगा कि इस बार की मीटिंग में अमित शाह बीजेपी के कार्यकर्ताओं और मंत्रियों से क्या बातचीत करते हैं.
2018-19 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए ली जा रही है मीटिंग
2018 में विधानसभा और 2019 में लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए शाह चुनावी रणनीति तैयार कर रहे हैं. यही वजह है कि अमित शाह भोपाल में मंडल अध्यक्षों की मीटिंग लेने जा रहे हैं. इस मीटिंग में राष्ट्रीय अध्यक्ष मंडल अध्यक्षों और नेताओं को चुनावी जीत का मंत्र देंगे. अमित शाह द्वारा ली जा रही इस मीटिंग से साफ है कि भाजपा आने वाले चुनावों के लिए अपनी कमर कस चुकी है. बता दें कि इस मीटिंग में शामिल होने 800 मंडल अध्यक्ष भोपाल आएंगे. जिन्हें पार्टी अध्यक्ष अमित शाह जीत का मंत्र देंगे.
किसी भी मंत्री को नहीं हटाया गया
अमित शाह ने अपने पिछले दौरे में यह बात साफ कर दी थी की सांसद और विधायक अपनी बातों को खुलकर रखें. उन्हें अपनी बात रखने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए. शाह का कहना है कि हर माह कोर ग्रुप की बैठक होनी चाहिए जिसमें बड़े और नीतिगत फैसले हों. खराब परफोर्मेंस वाले मंत्रियों को हटाकर नए लोगों को मौका देना चाहिए. मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल का विस्तार तो किया लेकिन हटाया किसी को नहीं. शाह ने कहा था कि मंत्री कार्यक्षेत्र में जाकर पार्टी के कार्यकर्ताओं से बात करें लेकिन इन सब पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. 18 से 20 अगस्त 2017 में शाह ने 17 बैठकें ली थीं और इसके अगले ही दिन 6 मंत्री अपने दफ्तर में बैठकर कार्य करने लगे थे. लेकिन हैरानी की बात है कुछ ही समय बाद सब बंद हो गया.