MP: चुनावी सीजन में शिवराज सरकार ने 'चरण-पादुका' पर लगाया दांव
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MP: चुनावी सीजन में शिवराज सरकार ने 'चरण-पादुका' पर लगाया दांव

भगवान राम की पादुका को सिंहासन पर रखकर भरत ने उनका प्रतिनिधि बनकर शासन चलाया था और अब चरण पादुका से सत्ता तक पहुंचने का रास्ता बनाने की कोशिश की जा रही है.

सीएम चौहान ने कहा कि इस योजना के माध्यम से समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों को समाज की मुख्य धारा में जुड़ने का अवसर मिलेगा.

नई दिल्ली/भोपाल: भगवान राम की पादुका को सिंहासन पर रखकर भरत ने उनका प्रतिनिधि बनकर शासन चलाया था और अब चरण पादुका से सत्ता तक पहुंचने का रास्ता बनाने की कोशिश की जा रही है. मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव एवं अगले साल के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान 'चरण पादुका योजना' के तहत आजकल तेंदूपत्ता बीनने वालों को मंच पर बुलाकर अपने हाथ से जूते-चप्पल पहना रहे हैं. मुख्यमंत्री ने अब तक सिंगरौली, सीधी, सिवनी, गुना, शहडोल, छतरपुर, खण्डवा, रीवा, रतलाम, इंदौर, मुरैना, मंदसौर, दमोह, सागर एवं रायसेन समेत कई जिलों में हुए तेंदूपत्ता संग्राहक सम्मेलन में तेंदूपत्ता संग्राहक महिलाओं एवं पुरूषों को मंच पर जूते-चप्पल पहनाए हैं.

  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी 'चरण पादुका योजना' की शुरुआत

    छत्तीसगढ़ के बीजापुर में इस साल 14 अप्रैल को की की शुरुआत

    मध्य प्रदेश में छह लाख से ज्यादा तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिला योजना का लाभ

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस 'चरण पादुका योजना' की शुरुआत छत्तीसगढ़ के बीजापुर में इस साल 14 अप्रैल को एक आदिवासी महिला को अपने हाथों से मंच पर चप्पल पहनाकर की थी. इस योजना के तहत देश में तेंदूपत्ता बीनने वालों को चप्पलें एवं जूते दिए जाते हैं, जिससे वह जंगलों में आसानी से चल सकें. इसके बाद 19 अप्रैल को मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश में चरण-पादुका योजना सिंगरौली जिले से शुरू की.

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छह लाख से ज्यादा तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिला लाभ
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि 'चरण पादुका योजना' सीएम शिवराज के लिए चुनावी चौसर पर एक बड़ा दांव साबित हो सकती है. रायसेन में एक आमसभा को संबोधित करते हुए सीएम चौहान ने कहा कि 'मैं तेंदूपत्ता बीनने वालों को जूते-चप्पल पहनाने में आनंद महसूस करता हूं. अब इन तेंदूपत्ता संग्राहकों के न तो पैर जलेंगे और न ही कांटे चुभेंगे.' उन्होंने कहा कि 'गत वर्ष जब मैं उमरिया जिले में भ्रमण पर आया था, तो बांधवगढ़ नेशनल पार्क जाते समय तेंदूपत्ता संग्राहकों से मिलने का अवसर मिला. वे नंगे पैर थे और उनके पास पीने के लिये पानी भी नहीं था. मैंने उनसे पूछा कि तुमने चप्पल क्यों नहीं पहनी हैं, तो उन्होंने बताया कि उनके पास चप्पल नहीं हैं. तभी मैंने निर्णय लिया कि इन गरीबों को चरण-पादुका, महिलाओं को धोती तथा पानी की कुप्पी निःशुल्क दी जायेगी, ताकि उनके पैर में कांटे न चुभे और वे जंगल में प्यासे न रहें.' गौरतलब है कि 19 अप्रैल से लेकर अब तक इन सम्मेलनों में छह लाख से ज्यादा तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण-पादुकाएं एवं पानी की बोतल दी गई हैं. तेंदूपत्ता संग्राहक पुरूष को एक जोड़ी जूते एवं पानी की एक बोतल तथा महिलाओं को एक जोड़ी चप्पल, साड़ी एवं पानी की एक-एक बोतल दी जा रही है.

दिग्विजय सिंह पर बोला हमला
इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए बनी मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (संबल) को प्रदेश के लाखों श्रमिकों की तस्वीर और तकदीर बदलने वाली योजना बताया. चौहान ने कहा कि इस योजना के माध्यम से समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों को समाज की मुख्य धारा में जुड़ने का अवसर मिलेगा. शिवराज रायसेन जिला मुख्यालय पर आयोजित तेंदूपत्ता संग्राहकों के बोनस वितरण और असंगठित श्रमिकों के सम्मलेन को संबोधित कर रहे थे. शिवराज ने पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के लोग मेरा काम देखकर मुझसे आंख नही मिला सकते हैं. जब कांग्रेस के समय प्राकृतिक आपदाएं आती थीं, तब मैं सांसद था. हम तब के सीएम से बोलते थे, तो वह दांत निकाल देते थे. उन्होंने किसान आंदोलन की बात करते हुए कहा कि अब यह कांग्रेसी किसानों की बात करते हैं. किसानों को बहकाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन किसान इनके बहकावे में नहीं आने वाले हैं. 

राहुल के दौरे पर साधा निशाना
सीएम शिवराज ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की छह जून को प्रस्तावित सभा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस किसान आंदोलन के बीच में चुनाव शंखनाद कर रही है. इससे कांग्रेस अराजकता का माहौल पैदा कर हिंसा कराना चाहती हैं. सीएम ने  समारोह में रायसेन जिले की उपसमितियों के 49,642 तेंदूपत्ता संग्राहकों को 4 करोड़ 73 लाख रूपए की बोनस राशि वितरित की. साथ ही सभी तेंदूपत्ता संग्राहकों को पानी की बोतल, चरण पादुका और महिला संग्राहकों को साड़ी वितरित की.

(इनपुट भाषा से)

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