मध्य प्रदेशः CM शिवराज के बेटे ने 'भारत बंद' पर दुकान बंद कर दिया सांकेतिक समर्थन
Advertisement

मध्य प्रदेशः CM शिवराज के बेटे ने 'भारत बंद' पर दुकान बंद कर दिया सांकेतिक समर्थन

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय की भोपाल के 10 नंबर स्थित मार्केट में एक फ्लावर की शॉप है, जिसे आज कार्तिकेय ने 'भारत बंद' के चलते बंद रखा है.

फाइल फोटो

भोपालः देश भर में आज एससी-एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय ने भी अपनी फ्लावर शॉप बंद कर सवर्णों के इस आंदोलन को सांकेतिक समर्थन दिया है. बता दें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय की भोपाल के 10 नंबर स्थित मार्केट में एक फ्लावर की शॉप है, जिसे आज कार्तिकेय ने 'भारत बंद' के चलते बंद रखा है. एससी-एसटी एक्ट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे सवर्णों ने भारत के व्यापारी वर्ग से उनकी दुकान बंद रखने की अपील करते हुए विरोध प्रदर्शन को समर्थन देने की मांग की थी, ऐसे में कार्तिकेय का दुकान बंद रखना भी उनका इस प्रदर्शन को समर्थन माना जा रहा है.

कांग्रेस मेरे खून की प्यासी हो गई है, मेरी हत्या की साजिश रची जा रही है : शिवराज सिंह चौहान

शिवराज सिंह चौहान के रोड शो में हंगामे की आशंका
हालांकि, दुकान बंद होने के दौरान भी सवर्णों ने कार्तिकेय की फ्लावर शॉप के सामने जाकर प्रदर्शन किया और एससी-एसटी एक्ट का विरोध किया. वहीं आज हरदा में होने वाली सीएम शिवराज की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान हंगामे की भी आशंका जताई जा रही है. पुलिस ने आशंका जताई है कि अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सवर्ण संगठन हरदा में मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रोड शो में हंगामा कर सकते हैं. ऐसे में स्‍थानीय पुलिस और प्रशासन लगातार स्‍थानीय सवर्ण संगठनों से बातचीत कर बीच का रास्‍ता निकालने की कोशिश में जुटा हुआ है. 

SC/ST एक्ट के खिलाफ BJP के इस वरिष्‍ठ सांसद ने भी खोला मोर्चा, कहा- 'पुनर्विचार हो'

सवर्णों को और नाराज नहीं करना चाहती है सरकार
वहीं नाराज सवर्ण समुदाय भी पुलिस-प्रशासन की बात सुनने या मानने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. ऐसे में सरकार भी आगामी चुनावों के चलते पहले से नाराज सवर्णों को और नाराज नहीं करना चाहती है. लिहाजा, सरकार ने पुलिस-प्रशासन को निर्देश हैं कि नाराज सवर्ण संगठनों पर किसी तरह का बल प्रयोग न किया जाए. अब पुलिस-प्रशासन के सामने असमंजस की स्थिति यह है कि वह न ही सवर्ण संगठनों को रोड शो की तरफ जाने से रोक सकती है और न ही इस समस्‍या का समाधान बातचीत से निकल रहा है. 

Trending news