मध्य प्रदेश के धार जिले के मनावर में 15 दिसम्बर 2017 को एक चार वर्षीय मासूम आदिवासी बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी.
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नई दिल्ली/इंदौर: महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने कड़े कानून बनाए हैं. वहीं देश के न्यायालयों ने ऐसे मामलों पर तत्काल निर्णय देकर एक नजीर पेश की है. मध्य प्रदेश के धार जिले के मनावर में 15 दिसम्बर 2017 को एक चार वर्षीय मासूम आदिवासी बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में गुरुवार को मनावर एडीजे कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई. कोर्ट ने इसे जघन्यतम अपराध की श्रेणी में माना है. मनावर एडीजे ने इस मामले में आरोपी करण उर्फ फातिया निवासी जगन्नाथपुरा को दोषी करार देते हुए अलग-अलग मामलो में सजा सुनाई. साथ ही 17 हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया है.
पुलिस ने 15 दिन में पेश किया चालान
प्राप्त जानकारी के अनुसार, धार जिले के मनावर थाना अंतर्गत वार्ड नंबर 7 में रहने वाली चार वर्षीय मासूम बालिका की लाश 15, दिसम्बर 2017 को जंगल में बरामद हुई थी. पुलिस ने मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था. चार्जशीट के अनुसार, आरोपी ने बालिका के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी पत्थर से सिर कुचलकर उसकी हत्या कर दी थी. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी को हिरासत में लेकर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर महज 15 दिन में चालान पेश कर दिया था. इसके बाद केस की लगातार सुनवाई जल रही थी. इस मामले में मनावर एडीजे अखबर शेख की कोर्ट ने गुरुवार को आरोपी करण उर्फ फातिया पिता भारत निवासी जगन्नाथपुरा को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई. साथ ही आरोपी को 17 हजार रूपए के अर्थदंड से भी दण्डित किया. गौरतलब है कि इंदौर में बीते माह ही एक अन्य चार वर्षीय मासूम से दरिंदगी के मामले में भी कोर्ट ने अपराधी को फांसी की सजा सुनाई थी.