MP चुनाव: भितरवार में बीजेपी के सामने है लाखन सिंह यादव का 'तिलिस्म' तोड़ने की चुनौती
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MP चुनाव: भितरवार में बीजेपी के सामने है लाखन सिंह यादव का 'तिलिस्म' तोड़ने की चुनौती

लाखन सिंह यादव ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद भितरवार विधानसभा सीट पर अभी तक हार का मुंह नहीं देखा है. 

बीजेपी ने लाखन सिंह यादव के खिलाफ चुनावी मैदान में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा को टिकट दी है.

ग्वालियर: ग्वालियर जिले की 6 विधानसभा सीटों में से एक सीट है भितरवार. 2008 के चुनावों में अस्तित्व में आई इस सीट पर बीजेपी के लिए जीत टेढ़ी खीर है. बीते तीन चुनावों में हवा कैसी भी रही हो, इस सीट पर परिणाम हमेशा लाखन सिंह यादव के पक्ष में ही रहे हैं. यहां तक कि 2013 में जब मध्यप्रदेश में कई दिग्गजों के पैर उखड़ गए थे, उस समय भी लाखन सिंह यादव यहां पर जमे हुए थे. वह इस सीट पर पिछले 10 साल से अजेय हैं. पिछले चुनावों में उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी अनूप मिश्रा को हराया था. वहीं, इस बार भी यादव का मुकाबला मिश्रा से ही है. 

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फोटो साभार : फेसबुक

2008 में परिसीमन के बाद बनीं भितरवार विधानसभा सीट
भितरवार विधानसभा सीट परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई थी. इससे पहले यह गिर्द विधानसभा सीट कहलाती थी. लाखन सिंह यादव इस विधानसभा सीट पर पहले से ही भाग्य आजमाते रहे हैं. गिर्द विधानसभा सीट रहते हुए यादव ने 1990 में यहां से पहला चुनाव लड़ा था. लाखन सिंह यादव 1998 में बसपा के टिकट पर तत्कालीन गिर्द सीट से जीते थे. हालांकि, यादव को 2008 के विधानसभा चुनावों में अस्तित्व में आई भितरवार सीट पर पहली जीत मिली थी. यादव ने 2008 में बीजेपी के बृजेंद्र तिवारी को करीब 10 हजार वोटों से हराया था. वहीं, 2013 में उन्होंने बीजेपी के अनूप मिश्रा को करीब 6 हजार वोटों से हराया था. 

लाखन सिंह यादव बने हुए हैं अजेय 
लाखन सिंह यादव ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद इस सीट पर अभी तक हार का मुंह नहीं देखा है. लाखन सिंह यादव की पकड़ क्षेत्र की जनता में काफी गहरी है. भितरवार इस विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण हमेशा से ही मायने रखते हैं. इस सीट पर किरार, कुशवाह, बघेल, रावत, गुर्जर के साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग की बहुलता है. मूलरूप से यहां के मतदाताओं को बीएसपी का जनाधार माना जाता था. लेकिन, यादव के कांग्रेस में शामिल होने के बाद ये मतदाता इस सीट पर अब कांग्रेस का जनाधार बन गए हैं. 

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फोटो साभार : फेसबुक

बीजेपी ने एक बार फिर से लगाया पूर्व पीएम अटल के भांजे पर दांव
बीजेपी ने यादव के खिलाफ चुनावी मैदान में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा को टिकट दिया है. इससे पहले 2008 में भी बीजेपी ने अनूप मिश्रा को यादव के खिलाफ प्रत्याशी बनाया था. बता दें कि अनूप मिश्रा 2014 के लोकसभा चुनावों में मध्य प्रदेश के मुरैना से सांसद निर्वाचित हुए थे. अनूप मिश्रा मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. 

मतदाताओं की संख्या
चुनाव आयोग के अनुसार, भितरवार विधानसभा में कुल 2,18,476 मतदाता हैं. इनमें से 1,18,512 पुरुष और 99,703 महिला मतदाता हैं. इसके साथ ही 7 थर्ड जेंडर के मतदाता और 254 सर्विस इलेक्टर्स हैं. 

जातिगत समीकरण
भितरवार विधानसभा पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के मतदाताओं की बहुलता वाली सीट है. इस सीट पर हमेशा जातिगत समीकरणों से ही हार-जीत तय होती है. भितरवार में आदिवासी, किरार, कुशवाह, बघेल, रावत, गुर्जर मतदाताओं का भी खासा प्रभाव है. 

पत्थरों के लिए भी मशहूर है भितरवार
भितरवार पत्थरों की खदानों के लिए मशहूर है. कहा जाता है कि यहां की खदानों से निकले पत्थर देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं.
 
प्रसिद्ध धार्मिक स्थल 
भितरवार विघानसभा के अंतर्गत कई प्रसिद्ध मंदिर हैं. इनमें से एक गोलेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर है. ऐसा माना जाता है कि मंदिर के गर्भगृह में स्थित शिवलिंग को यदि पूर्ण रूप से पानी में डुबो दिया जाए, तो क्षेत्र में बारिश होने लगती है. इसके अलावा भितरवार क्षेत्र में मंशापूर्ण और धुआं हनुमान मंदिर भी है. इसे भी सिद्ध मंदिर के रूप में जाना जाता है. वहीं, देवी के सिद्ध धामों में से एक खेडापति माता का मंदिर भी भितरवार में आता है. 

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