पोरवाल के पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, उनकी पत्नी सपना बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव की भतीजी हैं.
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इंदौर: बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश की उम्मीदवारी को चुनौती देते हुए आसन्न विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरे पार्टी के बागी नेता ललित पोरवाल ने नाटकीय घटनाक्रम में बुधवार को अपना नाम वापस ले लिया. बीजेपी के वरिष्ठ नेता पोरवाल (59) ने उसी इंदौर-तीन विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा था, जहां से विजयवर्गीय के 34 वर्षीय पुत्र पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
पोरवाल की शादी में विजयवर्गीय ने निभाई थी कन्यादान की रस्म
पोरवाल के पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, उनकी पत्नी सपना बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव की भतीजी हैं. पोरवाल की शादी में विजयवर्गीय ने ही कन्यादान की रस्म निभायी थी. पोरवाल रिश्ते में विजयवर्गीय के दामाद लगते हैं. नाम वापसी के आखिरी दिन ऐन मौके पर चुनावी रण छोड़ने के बाद पोरवाल ने कहा, "मुझ पर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और अपने रिश्तेदारों का काफी दबाव था. आकाश के खिलाफ चुनाव लड़कर मैं कांग्रेस को फायदा नहीं पहुंचाना चाहता था. इसलिये मैंने बतौर उम्मीदवार अपना नाम वापस लेने का फैसला किया."
अब कांग्रेस प्रत्याशी से होगा विजयवर्गीय के बेटे का सीधा मुकाबला
इंदौर-तीन विधानसभा सीट से वैसे तो अब आकाश समेत 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में बचे हैं. लेकिन, बीजेपी प्रत्याशी का मुख्य मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार अश्विन जोशी (58) से है. जोशी इसी सीट से पूर्व में विधायक रह चुके हैं. इस बीच, कांग्रेस को भी बुधवार को बड़ी राहत मिली जब इंदौर-एक सीट से उसके दो बागी नेताओं- प्रीति अग्निहोत्री और कमलेश खंडेलवाल ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली. अब इस सीट पर मुख्य भिड़ंत बीजेपी के निवर्तमान विधायक सुदर्शन गुप्ता और कांग्रेस उम्मीदवार संजय शुक्ला के बीच है.
सूत्रों ने बताया कि बीजेपी और कांग्रेस के बागी उम्मीदवारों को नाम वापसी को मनाने के लिये दोनों ही दलों के वरिष्ठ नेताओं को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
(इनपुट भाषा से)