विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ गठबंधन के सवाल पर मायावती ने कहा कि हमने तो केवल सम्मानजनक सीट देने की शर्त रखी थी, लेकिन उन्हें ये भी कबूल नहीं है.
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लखनऊ: कांग्रेस के प्रति बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है. मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में मायावती ने दो टूक अंदाज में कहा कि बीएसपी सीटों के लिए कांग्रेस के सामने भीख नहीं मांगेंगी. विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ गठबंधन के सवाल पर मायावती ने कहा कि हमने तो केवल सम्मानजनक सीट देने की शर्त रखी थी, लेकिन उन्हें ये भी कबूल नहीं है. मायावती ने स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में गठबंधन नहीं होने पर बीएसपी अकेले चुनाव में मैदान में उतरने को तैयार है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि छत्तीसगढ़ में मायावती पहले ही कांग्रेस से अलग जाकर अजित जोगी की पार्टी के साथ गठबंधन कर चुकी हैं.
मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों मिलकर बीएसपी को कमजोर करने में लगे हैं. उन्होंने बीएसपी के कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे चुनाव को देखते हुए जोर-शोर से तैयारियों में जुट जाएं.
मालूम हो कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ लगातार कह रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में बीएसपी को साथ रखने की वे पूरी कोशिश कर रहे हैं.
मायावती ने दिग्विजय को ठहराया जिम्मेदार
इससे पहले भी बसपा प्रमुख मायावती कह चुकी हैं कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होगा. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी बसपा से गठबंधन चाहते थे, लेकिन दिग्विजय सिंह के चलते यह गठबंधन नहीं हो पाया. मायावती ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि बीएसपी की महिला विरोधी, पूंजीपतियों की सहयोगी और दमनकारी नीतियों के खिलाफ ही हमारी पार्टी ने गठबंधन करने का फैसला किया था.
मायावती ने कहा, 'जैसा उनकी पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, वैसा ही वह अन्य राज्यों में करेगी. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बसपा अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. हमारा कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा.'
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने गुजरात चुनाव परिणाम से कोई सबक नहीं लिया है. पिछले परिणामों से साफ पता चलता है कि जहां बीएसपी का सीधा मुकाबला कांग्रेस से रहा, वहां बीएसपी ने आसानी से जीत दर्ज की.'
मायावती ने कहा कि कांग्रेस को गलतफहमी है कि वह अकेले ही बीएसपी के साम, दाम, दंड, भेद और ईवीएम जैसी चालों से पार पाकर जीत हासिल कर लेगी, जो काफी हास्यास्पद है.