खुद बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह ऐलान किया.
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नई दिल्ली : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटों के परिणाम आने के बाद 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस को बसपा समर्थन देगी. खुद बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह ऐलान किया. राज्य में बसपा को दो सीटों पर जीत हासिल हुई है. इस तरह राज्य में कांग्रेस को बीएसपी के समर्थन से बहुमत का 116 सीटों का जादुई आंकड़ा हासिल हो गई है और अब वह सरकार बनाने का दावा राज्यपाल के सामने पेश कर सकते हैं.
मायावती ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी गलत नीतियों की वजह से चुनावों में हारी है. हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि राज्यों के विधानसभा चुनाव में हम अपेक्षा के मुताबिक सीटें जीतने में कामयाब नहीं हुए, लेकिन मैं हमारी पार्टी के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करती हूं.
उन्होंने कहा कि दिल पर पत्थर रखकर तीनों राज्यों में जनता ने कांग्रेस को चुना. साथ ही उन्होंने कांग्रेस के लिए भी कड़ा संदेश दिया. उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्गों के लोगों की कांग्रेस पार्टी के राज के दौरान ही ज्यादा उपेक्षा रही है व बीजेपी के राज में भी इनकी उपेक्षा होनी बंद नहीं हुई.
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उन्होंने आगे कहा कि मैं यह भी याद दिलाना चाहती हूं कि आजादी के बाद भी केंद्र में ज्यादातर कांग्रेस का एकछत्र राज रहा है, लेकिन इस पार्टी के शासनकाल के दौरान इन वर्गों का भला नहीं हो सका. इस वजह से ही मैं हमें अलग से राजनीतिक पार्टी बसपा बनानी पड़ी. अर्थात कांग्रेस ने बाबा साहेब की सोच के मुताबिक, इन वर्गों का विकास व उत्थान कर दिया होता तो इनके हितों में अलग से पार्टी नहीं बनानी पड़ती.
बसपा प्रमुख ने आगे कहा, हमें ये भी मालूम है कि ये पाटियों इन वर्गौं के प्रति हीन न संकुचित मानसिकिता के चलते हमारी पार्टी को कामयाब नहीं होने देना चाहती हैं. हमें कतई हिम्मत नहीं हारनी है. इनके सभी हथकंडों का मुकाबला करते हुए अपने एजेंडे को आगे बढ़ाना है.
उन्होंने कहा कि हम अपेक्षा के मुताबिक, अच्छी जीत न मिलने के मुख्य कारणों का विश्लेषण करेंगे और मैं अपने कार्यकर्ताओं से अपील करती हूं कि आगामी लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने के जी-जान से जुट जाइये. अंत में मैं यह भी कहना चाहती हूं कि हमने यह चुनाव बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए जी-जान से लड़ा. हमारी पार्टी इस मकसद में कामयाब नहीं हो सकी. लिहाजा, हमने यह तय किया है कि एमपी में हमारी पार्टी अभी कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान करती है. अगर राजस्थान में भी समर्थन देने की जरूरत महसूस हुई तो बीजेपी को सत्ता से रोकने के हम कांग्रेस को वहां भी साथ देने को तैयार है. हम छत्तसीगढ़ में पहले ही वहां समर्थन दे ही चुके हैं.